सेवा के इतिहास में एक नया अध्याय

विवेक तन्खा ने दी 11 ई-ऑटो एम्बलेंस

जानकारी देते हुए श्री बलदीप मैनी ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखकर और एम्बुलेंस की कमी होने से बहुत से मरीज समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुँच पाते हैं और बहुत से मरीजो के सघन बस्तियों में और सकरी गलियों में निवासरत रहने के कारण बड़ी एम्बुलेंस उनको लेने नहीं जा पाती है जिसके कारण कई बार बीमारी से ग्रस्त मरीज को पैदल या स्वयं के साधन से हॉस्पिटल जाना पड़ जाता है जिससे उनकी जान को भी खतरा हो सकता है।

इस समस्या की जानकारी मिलते ही राज्यसभा सांसद श्री विवेक कृष्ण तन्खा द्वारा तत्काल ही इसके निदान हेतु 11 ई-ऑटो मिनी एम्बुलेंस का निर्माण कराया गया जिसमे मरीज को ले जाते समय किसी आपातकालीन स्थिति से मरीज को बचाने हेतु ऑक्सीजन सिलेंडर भी लगाया गया है।

श्री तन्खा ने जबलपुर हेतु पांच ऐसी एम्बुलेंस CMHO जबलपुर को प्रदान की हैं जिनमे से एक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज को प्रदान की जा रही है। दूसरी एम्बुलेंस विक्टोरिया हॉस्पिटल को दी जा रही है, तीसरी एम्बुलेंस सिटी डिस्पेंसरी कोतवाली को दी जा रही है। इसी प्रकार एक एम्बुलेंस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा को एवं एक एम्बुलेंस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कटंगी को प्रदान की जा रही है।

श्री तन्खा ने विधायको द्वारा भी बताई गयी इस समस्या के निवारण हेतु ही जबलपुर नगर की विभिन्न विधानसभाओं हेतु ये एम्बुलेंस प्रदान की हैं। ये एम्बुलेंस पूर्व विधानसभा, पश्चिम विधानसभा, उत्तर-मध्य विधानसभा, पाटन विधानसभा और बरगी विधानसभा में विधायकों और पूर्व विधायकों के अनुरोध पर प्रदान की जा रही हैं।

इसी तरह 3 ई-ऑटो मिनी एम्बुलेंस नरसिंगपुर जिले हेतु कलेक्टर नरसिंगपुर को दी जा रही हैं जिन्हें गाडरवारा, गोटेगांव और नरसिंगपुर के अस्पतालों को दिया जायेगा एवं 2 ई-ऑटो मिनी एम्बुलेंस CMHO मंडला को दी जा रही हैं। जिसके कारण गरीब आदिवासी भाई-बहनों को कोविड से ग्रस्त होने पर हॉस्पिटल लाना ले जाना आसान हो जायेगा।

एक अन्य ई-ऑटो मिनी एम्बुलेंस श्री तन्खा द्वारा नगर में कार्यरत समाजसेवी संस्थान को भी दी जा रही है ताकि आसानी से गरीबों के आने जाने की निःशुल्क व्यवस्था की जा सके। श्री तन्खा द्वारा पूर्व में एक करोड़ बावन लाख रूपए के कार्य अपनी सांसद निधि से कोविड महामारी से बचाव के लिए उपकरणों की खरीद हेतु शासन को दिए जा चुके हैं और आज 28 लाख रूपए की लागत से 10 ई-ऑटो मिनी एम्बुलेंस उनके द्वारा और प्रदान की जा रही हैं और एक एम्बुलेंस उनके स्वयं के खर्चे पर समाजसेवी संस्था को दी जा रही है।

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