बिलासपुर जिले की हाई प्रोफ़ाइल विधानसभा सीटें ; जानिए क्या कहता है भाजपा का जातीय समीकरण ?

बिलासपुर -भारतीय जनता पार्टी ने 77 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी है। बिलासपुर और मुंगेली जिले की 6 सामान्य सीटों में घोषित उम्मीदवारों पर नज़र डाली जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ने जातिगत समीकरण को साधने के भरपूर कोशिश की है ।

जातिगत संतुलन बनाने के हिसाब से पार्टी ने टिकट का वितरण किया है , यह साफ प्रतीत होता है
बिलासपुर विधानसभा से लगातार  चार बार के विधायक, मंत्री रहे और क्षेत्र व संगठन में अच्छी पकड़ होने के कारण  मंत्री अमर अग्रवाल को टिकट दिया गया है ।

तो वहीं जातिगत समीकरण के हिसाब से बिल्हा विधानसभा क्षेत्र सूर्यवंशी और सतनामी बाहुल्य है। इसी कारण बिल्हा विधानसभा क्षेत्र से कौशिक समाज के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष धर्म लाल कौशिक को चुनाव मैदान में उतारा गया है ।

तखतपुर विधानसभा सामान्य सीट है लेकिन यहां जातीय समीकरण चुनावी नतीजों को काफी प्रभावित करते हैं. इस सीट अनुसूचित जाति के वोटर निर्णायक भूमिका में है. 2 लाख 14 हजार 699 मतदाता वाले इस विधानसभा क्षेत्र में ठाकुर, कुर्मी और ब्राह्मण भी बड़ी संख्या में हैं इसी कारण तखतपुर विधानसभा से ब्राह्मण समुदाय के पूर्व विधायक मनहरण पाण्डेय की बेटी व राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडे को चुनाव मैदान में उतारा है।

बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की जाति समीकरण की बात करें तो यहां ब्राह्मण उम्मीदवार जीतते आए हैं .. 2 लाख 1 हजार 406 मतदाता वाले इस क्षेत्र में करीब 20 हजार ब्राह्म्ण वोटर्स हैं..वहीं 15 हजार के करीब ठाकुर मतदाता हैं…शहरी इलाकों में साहू, कुर्मी और दूसरे पिछड़ा वर्ग के वोटर्स भी बड़ी संख्या में रहते हैं। इसी कारण बेलतरा विधानसभा क्षेत्र से ठाकुर समाज से रजनीश सिंह को मौका दिया गया है। इनका संगठन में अच्छी पकड़ और क्षेत्र में सक्रिय होने का फायदा भाजपा को मिल सकता है। ।

मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र की जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां एससी और एसटी वोटर का बड़ा वर्ग मौजूद है. इसके अलावा निषाद, रजक, कुर्मी, साहू, यादव, ब्राह्मण, ठाकुर समाज के वोटर भी अच्छे खासे हैं.एससी-एसटी समुदाय को साधने के हिसाब से मस्तूरी विधानसभा से पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति बांधी को पिछले चुनाव में पराजय का सामना करने के बाद भी एससी वोटरों की संख्या के मद्देनजर जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए मस्तूरी से फिर मौका दिया गया है।

वहीं कोटा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया।

Related posts

Leave a Comment