बैमा नगोई रसूखदार पटवारी की कलेक्टर से शिकायत , डिजिटल सिग्नेचर के लिए 50 हज़ार की माँग

राजस्व विभाग में पदस्थ पटवारी हो या क्लर्क या फिर अधिकारी आये दिन रिश्वतखोरी के आरोपों से घिरे होते हैं और ज्यादातर शिकार गरीब अनपढ़ किसान होता है उसे पटवारी, तहसील का बाबू साहब के नाम पर रिश्वत मांगता है जिसका जीता जागता उदाहरण एक बार फिर से राजस्व विभाग को शर्मसार कर सामने आया है। जहां एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार और उसके मुखिया भूपेश बघेल किसान परिवार से हैं दूसरी तरफ किसान हितैषी सरकार गरीबो की सरकार के नाम से जानी जाती है। वही दूसरी तरफ राजस्व विभाग का पटवारी और राजस्व विभाग के अधिकारी सरकारी वेतन पाने के बाद भी काम करने के बदले खुलेआम रिश्वत मांग कर गरीब किसानों का खून चूसने में लगें हुए है। आये दिन राजस्व विभाग के कर्मचारियों की शिकायत आम होती जा रही है बावजूद इसके ना तो राजस्व विभाग के मुखिया कोई कठोर कदम उठा रहे हैं यही वजह है कि उनके हौसले बुलंद हो गए हैं। अब तो पटवारी और राजस्व विभाग का बाबू खुलेआम पैसा ले रहे हैं जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण सकरी तहसील की महिला क्लर्क को रंगे हाथों एंटीकरप्शन की टीम नें पकड़ा था, दूसरी तरफ रतनपुर में पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हुआ था बावजूद ना अधिकारी लिहाज करते हैं ना कर्मचारी, ,खसरा,बी -वन ,नामांतरण,सीमांकन का रेट तय है उसके बगैर ना दस्तावेज तैयार किया जाता ना सीमांकन होता यकीन ना हो तो सीमांकन के लंबित प्रकरणों की जांच कर लें कि आखिरकार लंबित क्यों हैं! चूंकि कलेक्टर,एसडीएम और तहसीलदार समेत कोई भी अफसर पैसा मांगने वाले राजस्व विभाग के कर्मचारियों पर कार्यवाही नही करते है जिसका फायदा घुसखोर पटवारी सरेआम रिश्वत मांग कर उठाते है,आज की तारीख में ज्यादातर पटवारी रसूखदार और घुसखोर है जो बिना पैसो के काम नही करते है,जिनका काम ही मात्र पैसा कमाना रहता है,राजस्व विभाग से जुड़े दलालों और लोगों का कहना है कि राजस्व विभाग में सैकड़ों प्रकरण लंबित है वजह है मुँह मांगी कीमत नही मिल रही।कई ऐसे अफसर भी है जो राजस्व विभाग में छोटे ओहदे में जरूर हैं लेकिन उनकी पहुँच मंत्री तक है, जिसका पावर दिखाकर वो सरकारी, निजी, पट्टा, अवैध कालोनी, में पैसा लगा रहे है। उनके अपने कार्यक्षेत्र में काम पेंडिंग पड़े है लोगों को आज आना ,फिर कल आना कहकर टाल रहे हैं,इस तरह से कई महीने गुजर जाते है,लेकिन काम नही होता,जबकि पीड़ित व्यक्ति का कहना है काम का पैसा एडवांस दे चुका है, शहर में अफवाह फैली है कि साहब की माननीय के बेटे से याराना है ऐसे में साहब, बेटे से सीधे ताल्लुक होने की बात सरेआम कहते है तो अच्छे अच्छे रसूखदार की बोलती बन्द हो जाती है,क्योंकि जिस माननीय का हाथ जिस राजस्व अफसर और पटवारी पर रहेगा उसका कौन क्या कर लेगा,खैर इस बार एक बार फिर से सरकार को भी बदनाम करने का महत्वपूर्ण मामला सामने आया है,जिसमे रसुखदार पटवारी हल्का नम्बर 26 बैमा नगोई की पटवारी मीनाक्षी तिवारी पर गंभीर आरोप लगा है.,पटवारी पर 50 हजार मांगने का आरोप लगाया गया है,मंगलवार को पीड़ित परिवार ने कलेक्टर से शिकायत करते हुये कार्यवाही करने की मांग कि है,पीड़ितों ने बताया कि डिजिटल सिग्नेचर करने के एवज में पैसा मांगा गया था ,पैसा नही देने पर काम नही करने की बात कही गयी थी,बैमा नगोई निवासी जितेंद्र पांडेय ने आवेदन देकर शिकायत की है। बहरहाल मामला गंभीर है जांच का विषय है लेकिन क्या इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा ये अपने आप मे एक बड़ा सवाल है

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