राजनेता नहीं धर्माचार्य बनाएंगे राम मंदिर : महामंडेलश्वर

बिलासपुर । आचार्य महामंडलेश्वर पंच अग्नि अखाड़ा रामकृष्णानंद जी का आगमन आज बिलासपुर में अरुण सिंह ठाकुर के निवास स्थल अभिलाषा परिसर तिफरा में हुआ। उनके आगमन पर अभिलाषा परिसर में उनका स्वागत किया गया और अरुण सिंह ठाकुर के निवास पर रामकृष्णानंद जी का पादुका पूजन किया गया । पादुका पूजन के बाद राम कथा पर प्रवचन दिए।

राम कथा पर अपना प्रवचन देते हुए राकृष्णानंद जी ने कहा कि भगवान श्री राम ने संसार का निर्माण कर दिया ,लोगों को बना दिये । संसार बनाने के बाद लोगों को व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए भगवान राम ने मनुष्य रूप धारण किए और वनवास को गये । उन्होंने कहा कि संसार के लोगों को सभी प्रकार का प्रेम और व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए वनवास जाने का लीला किया ।

उन्होंने कहा कि आज हर घर में एक रामायण जरूर होना चाहिए। क्योंकि आज की जो धर्मनिरपेक्ष सरकार है वह हमारे बच्चों को अपने स्कूल में धार्मिक शिक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दी है । जबकि दूसरे धर्म,देश के लोग अपने धर्म का प्रचार हमारे देश में सीना तानकर कर रहे हैं । आज भारत के बच्चे स्कूली शिक्षा तो ले लेते हैं परंतु धार्मिक शिक्षा नहीं ले पाते ।

यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हम स्वतंत्र भारत में स्वतंत्र बस नाम मात्र के ही रह गए हैं । परिवारों का यह कर्तव्य है कि बच्चों को अच्छी संस्कार दे ।

देश में नियम कानून बदल कर हम अपराध नहीं रोक सकते बल्कि देश में हम धर्म का ज्ञान देकर अपराध पर काबू पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में जितनी भी अपराध हो रही है, वह सभी धर्म ज्ञान की कमी के कारण हो रहा है । आज आवश्यकता है कि पहले जैसे ही आज की माताएं भी बच्चों को लोरी सुना कर धर्म की शिक्षा दें। अंत में उन्होंने कहा कि हमें पूरे दिन में कभी भी कुछ समय निकालकर भगवान का नाम जरूर लेना चाहिए।

राम कथा पर प्रवचन देने के बाद अरुण सिंह ठाकुर के ही निवास स्थल पर पत्रकारों से राम मंदिर मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि अयोध्या में जो बात हो रही है वह राम मंदिर की बात नहीं है बल्कि यह राम जन्मभूमि की बात है । राम मंदिर तो हर गांव,हर शहर में है परंतु राम जन्मभूमि एक ही है । इसलिए हमलोग अयोध्या में राम जन्मभूमि की बात करते हैं ।

उन्होंने कहा कि अभी तक जो लोग राम मंदिर की बात करते थे उनका उद्देश्य राम मंदिर बनाना नहीं था बल्कि राम मंदिर के नाम पर दिल्ली की कुर्सी लेना उनका मुख्य उद्देश्य था । और सबसे मुख्य बात यह की कोई भी राजनितिक दल राम मंदिर का निर्माण नहीं करवा सकती क्योंकि संविधान के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है ।

रामकृष्णानंद जी ने कहा कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है और वहां राम मंदिर का निर्माण करना सनातन धर्माबलम्बियों का जन्म सिद्ध अधिकार है । और हमारा राम मंदिर निर्माण करने का अभियान अहिंसात्मक है ।

उन्होंने कहा कि जब देश का प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के सभी कार्यालय में स्वतंत्र रूप से जा सकता है तो देश का धर्माचार्य मंदिरों में क्यूं नहीं जा सकता है ?

उन्होंने राम मंदिर का निर्माण कब होगा सवाल के जवाब में कहा कि देश के धर्माचार्य ने कशी के विद्वानों से मुहूर्त दिखाकर यह तय किया है कि 21 फरवरी से अयोध्या के रामजन्म भूमि में राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा । उन्होंने कहा कि यह राम मंदिर कोई सामान्य मंदिर नहीं है बल्कि यह देश का अद्वितीय ,अनूठा मंदिर बनने जा रहा है जहां 10 हज़ार लोग एक साथ भगवान राम का दर्शन कर सकेंगे । और इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 350 फ़ीट होगी ।

बाबरी मस्जिद पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में यह गलत अफवाह फैलाई गई है कि अयोध्या में बाबर का जन्म हुआ था । परंतु सत्य तो यह है कि अयोध्या में ना ही बाबर का जन्म हुआ था और ना ही बाबर की मृत्यु वहां हुई थी ।

अंत में उन्होंने कहा कि राम मंदिर के मामले में किसी भी राजनीतिक पार्टी या नेता को कोई राजनीति नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें देश के धर्माचार्यों के पीछे चलकर मंदिर बनाने में सहयोग करना चाहिए ।

पुलवामा हमले पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है । भारत सरकार की यह लापरवाही है कि अभी तक सुरक्षा व्यवस्था पर कोई कदम नहीं उठा पाई है ।

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