बिलासपुर- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से शैलेश पांडे को टिकट क्या मिली कांग्रेस में जूतम पैजार की स्थिति है। एक तरफ शैलेश पांडे से बेहद खफा और नाराज होकर अशोक अग्रवाल कांग्रेस भवन से निकले और उन्हें गाली देते हुए दिखाई दिए। वहीं दूसरी तरफ यह भी खबर है कि कांग्रेस भवन के अंदर अटल श्रीवास्तव ने कहा की कांग्रेस में नई परंपरा शुरू हो रही है कि पैसे दो और टिकट ले जाओ ।
बिलासपुर से टिकट को लेकर पहले से ही बहुत दावेदारियां थी लेकिन कांग्रेस की टिकट आखिरकार मिली शैलेश पांडे को। शैलेश पांडे से पहले अटल श्रीवास्तव और अशोक अग्रवाल मजबूत दावेदार माने जा रहे थे। इन दोनों ने अपने चुनाव में तैयारियों को लेकर लाखों रुपए भी खर्च कर डाले थे। मगर ऐन वक्त पर कांग्रेस ने पैराशूट नेता को मौका दे दिया। अपना रूआब दिखाने शैलेश पांडे उतरे भी हेलीकॉप्टर से बिलासपुर में थे। मगर उन्हें कांग्रेस में इस तरह रोष का सामना करना पड़ेगा या उन्होंने सोचा भी नहीं था।
जिस दिन कांग्रेस की टिकट घोषित हुई उसी दिन कांग्रेस भवन में अटल श्रीवास्तव के समर्थकों ने तोड़फोड़ की। हालांकि अगले दिन नामांकन दाखिले के दौरान अटल श्रीवास्तव और शैलेश पांडे एक साथ नजर आए। लेकिन इसके ठीक 2 दिन बाद कांग्रेस भवन में चुनावी रणनीति को लेकर बैठक आयोजित की गई थी इस बैठक में शैलेश पांडे से लेकर अशोक अग्रवाल अटल श्रीवास्तव और जिले के सारे कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। रणनीति बनाने से पहले ही अशोक अग्रवाल शैलेश पांडे से भिड़ गए। अशोक किस बात पर शैलेश पांडे से भिड़े इस बात की जानकारी तो नहीं लगी लेकिन बताया जा रहा है कि मामला पैसों का है।
इसके ठीक बात जब अशोक अग्रवाल गाली देते हुए कांग्रेस भवन से निकल गए और कांग्रेस भवन के अंदर फिर से बातचीत शुरू हुई तो अटल बिहारी हुए दिखाई दिए। खबर है कि अटल ने कहा कि कांग्रेस में ऐसी परंपरा पहले कभी नहीं रही की कोई कार्यकर्ता दसों साल तक मेहनत करता रहे और अचानक टिकट देने का वक्त आ आए तो कोई व्यक्ति पैसे देकर टिकट ले आए। यह नई परंपरा शुरू हुई है ऐसे तो कोई भी साढे 4 साल तक पैसे कमाता रहेगा और आखिरी के 6 महीने में कुछ पैसे खर्च कर चुनाव लड़ने आ जाएगा। बहरहाल इन खबरों की सच्चाई अभी पूरी तरह आनी बाकी है।
चुनाव पर पड़ेगा असर
कांग्रेस भवन में पहले दिन और आज की घटना का आने वाले चुनाव कब निश्चित ही असर पड़ेगा। जो लोग अशोक अग्रवाल के साथ टीम में काम कर रहे हैं वह लोग अब किनारे हो जाएंगे। उधर अटल श्रीवास्तव ने कांग्रेस का साथ देने का मन बनाया तो है लेकिन क्या वह पूरी तरह उनके साथ हैं इस बात पर संशय है। क्योंकि उन्होंने भी चुनावी तैयारियां जमकर की थी । बावजूद इसके जो संदेश जा रहा है वह यह है कि कांग्रेस में अंदर ही अंदर फूट पड़ गई है। और बिलासपुर की सीट एक ऐसी सीट है जो जिले की सभी सीटों को प्रभावित करती है। तो इस फोटो का असर जिले में पड़ेगा यह भी कहा जा सकता है। पहले चरण के चुनाव में अभी कुछ ही दिन है जबकि दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को होना है। इससे पहले यदि कांग्रेस नहीं समझी तो चुनाव परिणाम नकारात्मक होगा इस बात में कोई संशय नहीं है।