डॉ. वाय रवि शेखर
डायरेक्टर एवं कंसलटेंट-एंडोस्कोपिक न्यूरोसर्जरी किम्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, बिलासपुर
“यह कोरोना काल हम सभी पर भारी पड़ रहा है लेकिन हमें इससे हार नहीं माननी हैं| इस जंग की ज़िम्मेदारी केवल डॉक्टर, हॉस्पिटल या प्रशासन की नहीं है, सबसे बड़ी आम जनता की ज़िम्मेदारी है जो कोरोना को फ़ैलने से रूक सकते हैं| प्रशासन की तरफ से बहुत सहयोग मिल रहा है| वे अपने स्तर पर दिनरात कोरोना से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं असल मायने में यही फ्रंट लाइन वारियर्स हैं जिनकी वजह से हम कोरोना से लड़ पा रहे हैं|
इस कोरोना की लड़ाई में जो सबसे आगे बढ़कर अपनी जान की परवाह न करते हुए आपकी सेवा कर रहे हैं वो हैं हमारी नर्सेज और हाउसकीपिंग का स्टाफ | मैं दिल से सभी नर्सेज पैरामेडिकल स्टाफ और हाउसकीपिंग स्टाफ को धन्यवाद् करना चाहूंगा |
रही बात डॉक्टर्स की तो मैं यह कहना चाऊँगा की डॉक्टर भी इंसान हैं, हम भी थक जाते हैं, पसीना हमे भी आता है लेकिन सब कुछ छोड़ कर हम आपकी जान की रक्षा करने की पूरो कोशिश कर रहे हैं | हमे भगवन का दर्जा न दें,बस हमे इंसान की तरह मने| धैर्य रखे , प्रोत्साहित करैं और इस लड़ाई में हमारा साथ दें |”
कोरोना से कैसे बचें
- लॉक डाउन का पालन करें
- घर में ही रहें
- मास्क को आदत बनाये
- २ गज़ की दुरी का ख्याल रखे
- भीड़ से बचें
- अपने हाथों को बार बार साबुन से धोये
- सांइटिज़ेर का इस्तेमाल करें
- खांसते और छींकते समय डिस्पोजल टिश्यू का प्रयोग करें
- बिना हाथ धोये अपने आंख नाक और मुँह को न छुयें
कोरोना होने पर क्या करें
- सामाजिक दूरी बनाये रखें
- घर में भी मास्क पहने
- हाथों को साफ़ करते रहें शरीर को हाइड्रेट करें
- ऑक्सीजन लेवल और बॉडी टेम्प्रेचर का ध्यान रखें
- फिजिशियन से संपर्क में रहें
- मल्टीविटामिन और ज़िंक जैसी दवाइयों का सेवन करें
- मेडिकल अटेंशन की ज़रूरत कब?
- साँस लेने में समस्या होने पर
- पांच दिन से ज़्यादा तेज़ बुखार या खासी होने पर
- जिन लोगों को पहले से कोई गंभीर समस्या हो
सौरभ मोईत्रा, निधि मोईत्रा और शरबरी मोईत्रा को कोविड हो जाने पर कोई ध्यान रखने वाला नहीं था पर इनके पारिवारिक दोस्त रघु जी ने मानवता की मिसाल पेश करके इन सबका गंभीर अवस्था में और किसी सगे रिश्तेदार की तरह ख्याल रखा एवं किम्स हॉस्पिटल में एडमिशन कराया| सौरभ का ऑक्सीजन लेवल लगातार नीचे होते जा रहा था वही निधि मोइत्रा को बहुत खासी होने पर कट करने पर पता चली की इन्फेक्शन बहुत हो गया है| शरबरी मोईत्रा को भी दिक्कत बढ़ती जा रही थी| लगातार १० दिनों तक इलाज करने के बाद निधि मोईत्रा और शरबरी मोईत्रा को डिस्चार्ज कर दिया गया जबकि सौरभ की स्तिथि बेहतर है| पारिवारिक दोस्त रघु जी ने डॉक्टर रवि, डॉक्टर सुधा और डॉक्टर रोहन का धन्यवाद किया एवं शुभकामनाएँ दी हैं
सौरभ मोईत्रा, निधि मोईत्रा और शरबरी मोईत्रा बिलासपुर
पेशेंट चन्द्रकला देवि जो की बिश्रामपूर की निवासी है, को 30 अप्रैल को तबियत खराब होने पर उनके पति गिरधारी लाल साहू जी ने बिश्रामपुर के निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जहा कोरोना होने के कारण उन्हें गंभीर हालत में 1 मई को किम्स हॉस्पिटल रेफेर कर दिया। यहाँ डॉक्टरों और नर्सेज की गेहेन निगरानी और देख-रेख के कारण उनकी स्थिती में लगातार सुधार हुआ और जहा भर्ती के वक़्त मरीज का ऑक्सीजन लेवल लगातार घटता जा रहा था वह मात्र कुछ ही दिनों में उनका ऑक्सीजन 98 हो गया। 20 दिनों के इलाज के बाद अब मरीज पूर्ण रीति से स्वस्थ होकर वापस अपने घर चले गये। मरीज के पति ने डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ का आभार मानते हुए ये कहा की आज उनकी पत्नी अगर स्वस्थ्य है तो वो सिर्फ किम्स की बदौलत है। ऐसी निराशा की स्तिथि में भी नर्सेज ने उनका हौसला बढ़ाया और उनकी उमीदो को बनाए रखा।
चन्द्रकला देवि, बिश्रामपूर
रंगकर्मी चंपा भट्टाचार्जी ने जीती कोरोना से जंग और किम्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों एवं टीम का धन्यवाद किया है| सरकंडा के रामकृष्ण एन्क्लेव में रहने वाली 59 वर्षीय चंपा भट्टाचार्जी कोरोना से संक्रमित होने के बाद गंभीर अवस्था में 03 अप्रैल को किम्स हॉस्पिटल में भर्ती हुई| यहाँ डॉ रोहन आर धारपवार के अंडर उनका ट्रीटमेंट शुरू हुआ| संक्रमण बढ़ने से उनकी तबियत ख़राब होने लगी और साँस लेने में भी दिक्कत होनेलगी | 10 दिनो तक उनका हर उत्पन स्थिति में गहन इलाज किया गया और डॉक्टरों की टीम के देखरेख के बाद 13 अप्रैल को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुई| डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने डॉक्टर्स की टीम, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य हॉस्पिटल स्टाफ का धन्यवाद किया और यही अपनी फेसबुक वाल में भी शेयर किया| उन्होंने बताया की कैसे किम्स हॉस्पिटल के स्टाफ ने उनका ध्यान रखा समय पे दवाइयां खिलाई , हौसला देते रहे, आंटी,दीदी के सम्बोधन से मनोबल बढ़ाते रहे जिसके फलस्वरूप आज मैं कोरोना से जंग जीत कर अपने परिवार के पास वापस आ पायी हूँ ।
चंपा भट्टाचार्जी, बिलासपुर
कुशाल देव कुशवाहा जो की जमुना-कोतमा में कार्यरत हैं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जनकलाली कोरोना पॉजिटिव होने पर नजदीकी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया जहाँ ऑक्सीजन की लगातार कमी होने पर स्तिथि गंभीर हो गयी| डॉक्टर ने उन्हें किसी दूसरे हॉस्पिटल ले जाने को कहा जहाँ से उन्होने किम्स हॉस्पिटल में अपने मरीज़ की इलाज हेतु ले के आये| डॉक्टर से बिनती की उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जनकलाली जी को बचा लें| डॉक्टर रवि शेखर ने उन्हें आश्वासन दिया की हम हर मुमकिन कोशिश करेंगे| और उसके बाद जनकलाली जी को तुरंत ICU में शिफ्टकर इलाज शरू किया| 10 दिनों के कठिन प्रयास से बाद अब जनकलाली जी ठीक हैं और घर जाने तो तैयार हैं | कुशाल देव कुशवाहा जिन्होंने उम्मीद ही चोर दी थी आज भरे मन से डॉ. रवि शेखर , डॉ. रोहन और समस्त किम्स स्टाफ का तहेदिल से धन्यवाद कर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं |
श्रीमती जनकलाली पति कुशाल देव कुशवाहा
जमुना-कोतमा