जो बच्चे प्रशासन के खिलाफ तख्ती लेकर खड़े थे, आज उन्होंने कहा- थैंक्यू मैडम!

बेमेतरा के बेरला ब्लॉक के सरदा गांव में स्कूल के बच्चों को नहीं मिल रहा था पानी, 400 फीट बोर कराकर कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने की समस्या दूर, पिछले काफी समय से 900 बच्चे चल रहे थे परेशान, सड़क जाम तक किया था .

बेमेतरा। कुछ दिनों पहले तक बेरला के गांव सरदा में जहां स्कूली बच्चों के हाथ में सरकार और प्रशासन के विरोध में तख्तियां थीं, वहीं आज यही बच्चे शुक्रिया के फूल लेकर बेमेतरा की नई कलेक्टर मिले। दरअसल पिछले कई दिनों से यहां पानी की बहुत ज्यादा तकलीफ थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही थी। पदभार ग्रहण करने के बाद जैसे ही बेमेतरा की कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी के कानों तक यह बात पहुंचीं, उन्होंने फौरन प्राथमिकता के साथ बच्चों की प्यास की चिंता की।

दरअसल सरदा गांव में छठवीं से लेकर बारहवीं तक का एक स्कूल है। जिसमें करीब 900 बच्चे पढ़ते हैं। यहां पानी की कोई व्यवस्था ही नहीं थी। एक हैंडपंप था, जो कई महीनों से खराब पड़ा था। जलस्तर बहुत नीचे जा चुका था, लिहाजा एक बार बोर फेल हो गया। इसके बाद प्रशासन की दस्तक इस गांव में नहीं पहुंची।अब तक पंचायत भवन से पाइप लाइन बिछाकर पानी मिल रहा था लेकिन इसमें भी कई दिक्कतें आ रही थी। लिहाजा बच्चों को सड़कों पर उतरना पड़ा और पानी के लिए आवाज़ उठानी पड़ी। अख़बारों ने भी इस खबर कोप्रमुखता से उठाया। बेमेतरा की नई कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी तक जब यह बात पहुंचाई गई, तो उन्होंने फौरन इस पर कार्रवाई की।

400 फीट पर मिला पानी

क्षेत्र में जलस्तर बहुत ज्यादा गिर गया है, बावजूद इसके कलेक्टर ने कहा कि जब तक यह समस्या दूर न हो, काम जारी रखें। आखिरकार 400 फीट बोर के बाद पानी मिला। स्कूल के बच्चों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने कलेक्टर का बहुत शुक्रिया अदा किया। कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने यह कहा कि यह ठीक है कि हमने पानी का इंतजाम अभी कर लिया है, लेकिन हमें यह भी सोचना होगा कि पर्यावरण को लेकर एक एक आदमी के मन में अच्छे विचार आएं। इसके लिए पहला काम जरूरी है कि वृक्षारोपण किया जाए। एक पौधा सभी लगाएं और उस पौधे की देखभाल करें। यह बुनियादी जरूरत बनती जा रही है।

कलेक्टर ने की बच्चों से बात

कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी बच्चों की कक्षा में भी गईं। उन्होंने 10वीं, 11वीं के बच्चों से बातचीत की। बच्चों से उनके विज़न के बारे में पूछा। कई बच्चों ने डॉक्टर, पुलिस और इंजीनियर बनने की बात कही। इसके लिए उन्होंने संक्षिप्त में उनको गाइड किया। शिखा राजपूत को अपने बीच पाकर बच्चे बहुत उत्साहित थे।

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