लोगों की सेवा कर उनकी मदद करूँगी लेकिन राजनीति में नही आना चाहती एंका वर्मा

बिलासपुर में जन्मे, पले, बढ़े,यहां की जमीन से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार ,कवि,पूर्व ,राज्यसभा सदस्य स्व श्रीकांत वर्मा की पुत्रवधु एंका वर्मा ने कहा पिता जी के पुण्यतिथि पर उनकी जन्मस्थली में आना हुआ उन्होंने श्रीकांत वर्मा शोधपीठ और श्रीकांत वर्मा ट्रस्ट के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। गुरुवार को प्रेस क्लब पहुंचकर पत्रकारों से भी चर्चा की। श्रीमती एंका वर्मा ने कहा कि उन्हें यहां कर बहुत ही सुकून मिल रहा है। क्षेत्र की इस धरती ने जो स्नेह और अपनापन उनके पिता समान ससुर को दिया वही स्नेह और सम्मान उन्हें भी यहां आकर मिल रहा है। श्रीकांत वर्मा को गुजरे हुए 36 साल हो गए हैं। पहली बार बिलासपुर पहुंची एंका वर्मा ने इच्छा जताई कि वह समय-समय पर यहां आकर लोगों के हित मे कुछ करती रहूं।

पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने उन सभी परिवारों का जिक्र किया जो उनके ससुर से काफी आत्मीयता रखते थे। उन्होंने बताया कि स्व रामबाबू सोन्थलिया,स्व बी आर यादव, दाभड़कर जी के घर जाकर उनके परिजनों से मिली और श्रीकांत जी की बहन के परिवार से भी मिलीं, तथा कायस्थ समाज के पदाधिकारियों से भी भेंट कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि आगे भविष्य में वो यहां के लिए कुछ करना चाहेंगी। आगे भी अब लगातार आते रहने की भी बात कही। पत्रकारों के पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने राजनीति में आने से या यहां आकर राजनीति में प्रवेश करने से साफ इंकार किया और कहा कि उनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने ट्रस्ट और शोधपीठ के जरिये कुछ नया करने का भरोसा लोगो को दिलाया है।

एंका वर्मा ने बिलासपुर की जनता को आश्वासन दिया की श्रीकांत जी की 91वें जन्म दिवस 18 सितम्बर 2022 को वो श्रीकांत जी की पत्नी पूर्व राज्य सभा सदस्य श्रीमती वीणा वर्मा और उनके पुत्र अभिषेक वर्मा के साथ बिलासपुर दोबारा आएँगी। इस अवसर पर कृष्ण कुमार यादव (राजू) ने बताया कि स्व.श्रीकांत वर्मा की याद में शोध पीठ का गठन करने का निर्णय मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिया था लेकिन उस पर अमल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने किया है ।शोध पीठ और स्व .श्रीकांत वर्मा स्मृति ट्रस्ट मिलकर स्व वर्मा के साहित्यों,कविता आदि का संकलन कर नए कलेवर दिया जायेगा । पत्रकारों ,साहित्यकारों कवियों को आमंत्रित कर स्व वर्मा का साहित्य और बिलासपुर के प्रति योगदान को याद कर उनके अधूरे काम को आगे बढ़ाया जाएगा ।इस मौके पर बंटी सोनथलिया सरफ़राज , और अन्य लोग मौजूद थे ।

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