जमीन विवाद में सीसीटीवी फुटेज आने के बाद मची खलबली,
तो वहीं पुलिस पर लग रहा है पक्षपात का आरोप
बिलासपुर पुलिस हमेशा से किसी न किसी मामले को लेकर सुर्खियो में रहती है । तमाम कोशिशो के बाद भी वर्दी की आड़ में खेल खेला जाता रहता है । और पुलिस की दलील को सही मानकर किसी को भी आरोपी बनाकर जेल दाखिल करने की परंपरा आम हो गई है ।लेकिन पिछले दिनों बिलासपुर के तार बाहर थाना अंतर्गत पुराना बस स्टैंड में एक दुकान खाली कराने के विवाद में अब सीसीटीवी फुटेज आने के बाद पुलिस विभाग में खलबली मच गई है ।
और पुलिस और राजनैतिक दबाब के चलते अब पुलिस पर पक्षपात का आरोप भी लगने लगा है । पुलिस द्वारा बताई गई कहानी और सीसीटीवी की हकीकत एकदम अलग नजर आ रही हूं ।बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेसी नेता अभय बरुवा अपने साथियों के साथ पुराना बस स्टैंड स्थित दुकान पर पहुंचे थे बताया जा रहा है कि अभय बरुआ ने उस दुकान का सौदा किया था जिसके बाद वह अपनी दुकान पर कब्जा लेने पहुंचा था लेकिन वहां पहले से ही स्थित कब्जा धारियों से अचानक विवाद होने के बाद कब्जा धारियों ने अभय बरुवा और उसके साथियों पर जबरदस्त हमला कर दिया जिसमें अभय बरुवा के सिर में गंभीर चोटें आई थी लेकिन जैसे ही मामले की सूचना पुलिस को पहुंची तो पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची थी जहां घायल अभय बरुवा को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया वहीं उनकी गाड़ी में भी जमकर तोड़फोड़ किया गया था। एक ही पार्टी के दोनों पक्षों के लोगों द्वारा थाने में रात का घेराव किया गया था जिसके बाद दोनों पार्टियों पर गैर जमानती धाराओं के तहत एफ आई आर दर्ज किया गया था।
लेकिन अब पूरे मामले में एक नया मोड़ आता दिख रहा है विवाद के दिन के सीसीटीवी फुटेज को अगर ध्यान से देखा जाए तो पहले से कब्जा धारी लोगों द्वारा अभय बरुआ और उसके साथ ऊपर जमकर हमला किया गया था।
लेकिन पुलिस ने अपनी भूमिका को स्वच्छ बताने के चक्कर मे दोनों पक्षों पर एफ आई आर दर्ज कर मामले को संतुलन देने की कोशिश की थी जबकि सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद से यह स्पष्ट हो रहा कि पहले से कब्जाधारी लोगों द्वारा पूर्व नियोजित कर घटना को अंजाम देकर जानलेवा हमला करने की साजिश की गई थी।और आप इस पूरे सीसीटीवी फुटेज में दूसरे पक्ष के लोग बड़ी संख्या में हमले करते हुए हुए नजर आ रहे है लेकिन पुलिस की एफआईआर में 3 लोग के नाम से अपराध दर्ज किया गया।सीसीटीवी वीडियो सामने आने के बाद से पूरे मामले में अब पुलिसिया कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे हैं तो वहीं राजनीतिक दबाव की वजह से मामला लंबा होता नजर आ रहा है।
लेकिन पुलिस ने अपनी भूमिका को स्वच्छ बताने के चक्कर मे दोनों पक्षों पर एफ आई आर दर्ज कर मामले को संतुलन देने की कोशिश की थी जबकि सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद से यह स्पष्ट हो रहा कि पहले से कब्जाधारी लोगों द्वारा पूर्व नियोजित कर घटना को अंजाम देकर जानलेवा हमला करने की साजिश की गई थी।और आप इस पूरे सीसीटीवी फुटेज में दूसरे पक्ष के लोग बड़ी संख्या में हमले करते हुए हुए नजर आ रहे है लेकिन पुलिस की एफआईआर में 3 लोग के नाम से अपराध दर्ज किया गया।सीसीटीवी वीडियो सामने आने के बाद से पूरे मामले में अब पुलिसिया कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे हैं तो वहीं राजनीतिक दबाव की वजह से मामला लंबा होता नजर आ रहा है।