बिलासपुर । किसी भी दर्द का समय के साथ सही इलाज नहीं करवाने पर उससे खतरनाक बीमारी भी हो सकती है । इसी को लेकर सभी को जागरूक करने के कारण बिलासपुर की डॉ अलका रहालकर एक शिविर लगाने जा रही है । जिसमे किसी भी प्रकार के दर्द संबंधित पूरी जानकारी दी जाएगी ।
इस कैम्प का मुख्य उद्देश्य लोगों को दर्द के प्रति जागरूक करना है। इस शिविर में डॉक्टर्स के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम भी कराया जाएगा । जिसमे उन्हें इस दर्द का कैसे इलाज करे यह बताया जाएगा। तथा मरीजों को आधुनिक तकनीकों द्वारा इलाज उपलब्ध करवाना है ।
क्रोनिक दर्द विकसित देशों में 20-30% तक है जबकि बिलासपुर में यह 52.3% है । सितम्बर 2018 में डॉ अलका रहालकर ने बोस्टन US में इसका एक पेपर भी प्रस्तुत की थी ।
क्रोनिक दर्द मारता नहीं है पर व्यक्ति को जीने नहीं देता है । पुराने दर्द से BP ,शुगर भी बढ़ने का खतरा होता है । इस दर्द के कारण मरीज़ काम पर नहीं जा पाते है ,अंत में नौकरी छोड़ने तक की नौबत आ जाती है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान सहना पड़ता है ।
क्रोनिक दर्द 21वीं सदी की महामारी है जिसकी मरीजों की संख्या कैंसर ,BP और शुगर की कुल मरीजों की संख्या से दुगुनी है ।
इस दर्द का इलाज करने के लिए तथा डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देने के लिए गुड़गांव के फेमस डॉक्टर डॉ आशीष चक्रवर्ती (MBBS, MD, FIPP (WIP, USA),Senior Consultant,Dept of Neurosciences ,Artemis Hospital, Gurgaon, Haryana) बिलासपुर आ रहे हैं । यह शिविर एक दिन के लिए 3 मार्च को एंडोस्कोपी एंड सर्जिकल क्लिनिक में होगा ।
दर्द के परिणाम
●अवसाद
●चिरचिरापन
●कार्य क्षमता में कमी
●BP ,sugar का खतरा
●आर्थिक नुकसान
●पारिवारिक कलह
●रिश्तों में दरार
किस-किस प्रकार के दर्द की इलाज की जाती है :
●रीढ़ की हड्डी सम्बंधित दर्द
●साइटिका से दर्द
●जोड़ो का दर्द
●घुटनों का दर्द
●मांसपेशी में दर्द
●कैंसर के बाद का दर्द
●या ऐसा कोई भी दर्द जो तीन महीने से ज्यादा से हो रहा हो ।