कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को छवि धूमिल करने की कोशिश
आवेदक अमनदीप बैस द्वारा कलेक्टर एवं कमिशनर ऑफ़िस में शिकायत किया गया है।
आवेदक द्वारा जनवरी 2020 से नामांतरण के लिए आवेदन लगाया गया है। जबकि यह है कि आवेदन 13 जुलाई 2020 को न्यायालय में लगा है। आवेदन पत्र में आवेदक और उसके अधिवक्ता के हस्ताक्षर भी हैं।
आवेदन लगाने के बाद पहली पेशी 29 जुलाई 2020 लोकडाउन की वजह से आगे बढ़ी एवं उसके बाद कि लगातार तीन पेशियों में आवेदक एवं उसके अधिवक्ता अनुपस्थिति रहे थे जो कि ऑडर शिट में भी अवलोकनीय है।
ऑडर शिट पेज 1
आवेदक स्वयं प्रथम बार पेशी दिनांक 5/11/2020 को अधिवक्ता के साथ प्रस्तुत हुआ जिसमें नायाब तहसीलदार द्वारा उसे समझाया गया कि प्रकरण पंजीकृत दानपत्र का है अतः दानदाता की गवाही और पंजीकृत दानपत्र के साक्ष्यो की गवाही अनिवार्य है एवं अगली पेशी दिनांक 25/11/2020 को निर्धारित किया गया।
पेशी दिनांक 25/11/2020 को आवेदक अपनी दादी के साथ आया तहसीलदार आवेदक की दादी से शालीनतापूर्वक सिर्फ दो मिनट की पूछताछ करीं जो कि नामांतरण प्रकरण का अनिवार्य हिस्सा है उस पूरी प्रकिया के दौरान न तो आवेदक ने तहसीलदार द्वारा चेअर की मांग की और न ही तहसीलदार ने आवेदक की दादी से किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार किया।
प्रकरण के अवलोकन करने पर पाया गया कि उभय पक्षकारो द्वारा दान की गई संपत्ति के स्वअर्जित होने या पैतृक होने पर वारिसों की सहमति के संबंध में न्यायालय में किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेज प्रस्तुत नही किया गया है जिसका तहसीलदार ने ऑडर शिट में उल्लेख कर पेशी दिनांक 24/12/2020 निर्धारित किया गया एवं जब शाम को 5 बजे आवेदक अमनदीप बैस तहसील न्यायालय में आया तो उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने के सम्बंध में बताते हुए पेशी तारीख बताया गया इतने में ही आवेदक रजिस्टर्ड दानपत्र के आधार पर नामांतरण के सम्बंध में बिना विधिक प्रक्रिया को पूरी करे अपने पक्ष में आदेश पारित करने का दबाव बनाने लगा व न्यायालय में उपस्थित अन्य व्यक्तियों एवं तहसीलदार के रीडर के सामने जोर जोर से चिल्लाने लगा कि मैं ऑडर शिट में साइन नही करूँगा, मेरा आदेश ही बनाओ।
मेरा आदेश आज बनता है या नही आज आदेश नही बनाई तो तुमको देख लूंगा। तुम्हारी नौकरी खा जाऊंगा कह कर तहसीलदार तुलसी मंजरी साहू, की तरफ उंगली दिखाते हुए गाली गलौच किया और धमकी भी दी।
आवेदक अमनदीप बैस द्वारा तहसीलदार के साथ किये गए गलत एवं अभद्रतापूर्ण व्यवहार के संबंध में तत्काल तहसीलदार ने अपने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया एवं थाने में लिखित सूचना व्हाट्सअप द्वारा भेजवा दिया इस प्रकार की झूठी शिकायत एवं दुर्व्यवहार से कार्यनिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्य के प्रति हतोउत्साहित होते है। इस प्रकार के फर्जी शिकायतकर्ताओं के ऊपर तत्काल कार्यवाही किया जाना चाहिए जिनसे अधिकारी बिना किसी दबाव के न्यायोचित कार्य कर सके।