नई दिल्ली -महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में निर्भया कोष के तहत अधिकारियों की अधिकार प्राप्त समिति ने शुक्रवार को तीन प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, कानून और न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने पूरे देश में दुष्कर्म और पोकसो अधिनियम के लंबित मामलों का निपटान करने के लिए 1023 त्वरित विशेष न्यायालयों (एफटीएससी) का गठन करने का प्रस्ताव किया है। इस परियोजना के लिए कुल 767.25 करोड़ रुपये की वित्तीय आवश्यकता है। पहले चरण में नौ राज्यों में 777 एफटीएससी और दूसरे चरण में 246 एफटीएससी का गठन किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बयान के अनुसार, गृह मंत्रालय ने यौन हिंसा के मामलों के लिए निर्भया कोष के तहत फोरेंसिक किट खरीदने का प्रस्ताव किया है, ताकि प्रशिक्षुकों के प्रशिक्षण (टीओटी) के माध्यम से राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में ऐसी किटों के उपयोग की शुरुआत की जा सके। इससे यौन हमलों के मामलों में फोरेंसिक जांचकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण/प्रशिक्षण देने में मदद मिलेगी। कुल 107.19 करोड़ रुपये की वित्तीय आवश्यकता वाले इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है।