निजी स्कूलों की निरंकुशता पर अंकुश लगाने की मांग, सांसद साव ने उठाया मुद्दा

बिलासपुर। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के विरोध में आंदोलनरत पालक संघ के समर्थन में सांसद अरुण साव ने अपनी बात रखी। सांसद अरुण ने कहा कि यह मुद्दा ज्वंलत हो चला है, मैं अभिभावकों की परेशानी की ओर राज्य सरकार का ध्यान खींचना चाहता हूं। सीबीएससी पाठ्यक्रम का संचालन करने वाली निजी शैक्षणिक संस्थाएं अपनी मनमानी करती हैं, मनमर्ज़ी से जितना चाहे फीस बढ़ाती है। एनसीआरटीसी से प्रकाशित पुस्तकें स्कूलों में नहीं चलाती। इस कारण जबरन अभिभावकों को निजी प्रकाशकों के भारी दाम वाले पुस्तक खरीदने पड़ते हैं। सांसद अरुण ने आगे अपने भाषण में बताया कि ‘मेरे लोकसभा क्षेत्र बिलासपुर में अभिभावक संघ लंबे समय से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के ख़िलाफ़ विरोध कर रहा है। सीएसईबी भी रिमार्किंग, रिवेलवेशन और कापी देने की फ़ीस में मनमाने बढ़ोतरी की है।

प्राइवेट शैक्षणिक संस्थानों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सांसद अरुण ने निजी स्कूलों पर वहां के स्टाफ से ज़्यादा काम लेकर उनका शोषण करने का आरोप लगाते हुए स्कूलों को स्टाफ के लोगों को पर्याप्त वेतन व भत्ते नहीं देने की शिकायत करते हुए अपनी बात रखी। सांसद साव ने केंद्र सरकार के समक्ष संसद में इस मुद्दे को उठाया और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने ठोस कदम उठाने व सख्त नियम बनाने की मांग की है।

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