बिलासपुर जिला की कोटा विधानसभा सीट ; भाजपा क्यों नहीं कर पाई अभी तक प्रत्याशी का नाम तय ?

बिलासपुर – छत्तीसगढ़ की कोटा विधानसभा सीट ऐसी है जहां कांग्रेस के अलावा किसी दूसरी पार्टी का खाता तक नहीं खुला है और इस बार के समीकरण कुछ ऐसे बन रहे हैं कि बीजेपी में जीत की आस जगी है बता दें कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की कोटा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का सबसे मजबूत किला माना जाता है यह एक ऐसी सीट है जहां 66 साल से कांग्रेस का कब्जा है पिछले 14 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अलावा कोई दूसरी पार्टियां अपना खाता नहीं खोल पाई ऐसे में इस चुनाव में देखना दिलचस्प होगा की कांग्रेस अपना किला बचाए रखती है या कोई दूसरी पार्टी उसमें सेंधमारी करने में सफल साबित होती है |

 कोटा से कौन कितने बार जीता

1952 से लेकर अब कोटा विधानसभा सीट पर 14 बार चुनाव हुए हैं. काशीराम तिवारी पहले विधायक बने थे. जबकि मथुरा प्रसाद दुबे 4 बार, राजेंद्र शुक्ल 5 बार चुने गए. इसके अलावा 2006 में डॉ. रेणु जोगी बनीं पहली महिला विधायक वे पिछले 3 बार से विधायक हैं.

2003 के विधानसभा चुनाव

कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद शुक्ला को 39546 वोट मिले

बीजेपी के भूपेंद्र सिंह को 37866 वोट मिले

2006 में उपचुनाव

कांग्रेस की रेणु जोगी 59465 वोट मिले

बीजेपी के भूपेंद्र सिंह को 35995 वोट मिले

2008 विधानसभा चुनाव

कांग्रेस की रेणु जोगी 55317 वोट मिले

बीजेपी के मूलचंद्र खंडेलवाल को 45506 वोट मिले

2013 विधानसभा चुनाव

कांग्रेस की रेणु जोगी 58390 वोट मिले

बीजेपी के काशीराम शाहू 53301 वोट मिले

यह सीट इसलिए भी दिलचस्प मानी जा रही है क्योंकि भाजपा ने अभी तक यहां से उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं और रेणु जोगी ने कांग्रेस से उम्मीदवारी ठोक कर सबको अचम्भित कर दिया है वहीं दूसरी ओर जनता कांग्रेस ने अभी तक यहां से अपने प्रत्याशी की घोषणा नही की है ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस से टिकट न मिलने की परिस्थिति में रेणु जोगी जोगी कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतरेंगी।

Related posts

Leave a Comment