महाराष्ट्र में साधुओं की निर्मम हत्या धर्म सांसद को बर्दाश्त नहीं : श्रीधर शर्मा

साधुओं की इस प्रकार की गई हत्या सम्प्रदाय विशेष पर कुठाराघात

उद्धव सरकार से सख्त कार्यवाही की उम्मीद, समय पर कार्यवाही न होने पर 13 अखाड़ों के साधु कर सकते हैं महाराष्ट्र की ओर प्रस्थान

पवित्र नगरी अमरकंटक के सपूत श्रीधर शर्मा अभी हाल ही में सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध धर्म सांसद नियुक्त किए गए और अमरकंटक में सनातन धर्म की रक्षा और भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों को जागरूक करने का वीणा उठाया ही था कि महाराष्ट्र में एक भीड़ ने पुलिस प्रशासन के सम्मुख ही लाठी डंडे से लगातार प्रहार करते हुए दो साधुओं और उनके एक वाहन चालक की नृशंस हत्या कर दी।श्रीधर शर्मा ने बताया कि पालघर महाराष्ट्र में पुलिस के सामने जूना अखाड़ा के संतों स्वामी कल्पवृक्ष गिरि जी, स्वामी सुशील गिरि जी व उनके ड्राइवर नीलेश तेलगड़े जी की निर्मम हत्या से स्तब्ध हूँ। छत्रपति शिवाजी महाराज एवं बालासाहेब ठाकरे जी के राज्य में सरेआम पुलिस के सामने साधुओं की निर्मम हत्या अकल्पनीय और निन्दनीय है।भारत वर्ष में सभी जाति और धर्मों को बराबर सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है और अनेकता में एकता के दर्शन की अनुभूति होती है लेकिन इस प्रकार के निन्दनीय कृत्य हमारे देश की कानून व्यवस्था और देश की संस्कृति को लताड़ने का कार्य कर रहे हैं, इससे पूरे देश में अपराधियों को हौसले देने का कार्य किया जा रहा है।

राज्यों की कानून व्यवस्था अमानवीय और भ्रष्ट आचरणों के सुपुर्द हो चुकी है। मैं श्रीधर शर्मा एक धर्म सांसद और भारत देश का नागरिक होने के नाते इस कुकृत्य की घोर निंदा करता हूँ और महाराष्ट्र सरकार से समस्त गिरफ्तार किए गए अपराधियों के प्रति समय पर उचित दंड की अपेक्षा करता हूँ।देश में इस तरह की कुंठित मानसिकता वाले असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही करने में प्रशासन को देरी नहीं करनी चाहिए। मॉब लिंचिंग जैसे अमानवीय व हिंसक कृत्य करने वाले और आमजनों के बीच द्वेषपूर्ण संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने वालों के लिए भी कड़ी व त्वरित सजा का प्रावधान होना चाहिए।

  अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र गिरी जी और जूना अखाड़े के सम्मानित वरिष्ठ पदाधिकारी इस घटना के विषय में जो निर्णय लेंगे उसका मैं हृदय समर्थन करता हूं।धर्म और धर्माचार्यों के रक्षार्थ सभी अखाड़े एक हैं,भारत देश मे सनातन धर्म और संस्कृति को देश के कोने कोने तक पहुंचाने में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले देश के समस्त संत इस कृत्य की घोर निन्दा कर रहे हैं । पवित्र नगरी अमरकंटक के साधु संतों ने इस अमानवीय घटना की घोर निन्दा की, देश के संतों के साथ जब इस प्रकार का अमानवीय व्यवहार होगा तो अन्य लोगों के साथ क्या होगा। 

श्रीधर शर्मा ने बताया कि तेरह अखाड़ों और समस्त साधु समुदाय ने सरकार को आगाह किया है कि अगर समय रहते सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो सरकार को लंबी किस्त चुकानी पड़ेगी। लाकडाउन समाप्त होने के पश्चात समूचे भारत के संत महाराष्ट्र में कूच करने का संकल्प लिए महाराष्ट्र पहुंचेंगे।

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