अभी तक 1100 लोगों तक निःशुल्क भोजन बाँट चुके है
बालाजी विज्ञापन एजेन्सी के संचालक जितेंद्र चौबे (जीतू)
ने बताया कि शुरुआत कोविड की लहर में एक हॉस्पिटल मे , अपने परिचित से मिलने गए तभी वहा पे दूर से एक कोविड पेसेंट पुरुष को लेकर आयी महिला और १० वर्ष बच्चे के साथ आयी हुई , पास जाकर उनसे मिला वो तो महिला और लड़का दोनो बहुत परेशान थी मैंने पूछ लिया कुछ मदद चाहिए वो ,बोली की भैया कही से खाना दिला दो सब बंद है कुछ नहीं मिल रहा है। मेडिकल दुकान से बिस्किट मिला तो कल रात से वही खाए है और पानी पी है कोई साधन भी नहीं है की मेरा बेटा कही से जाकर ले आए यहाँ अनजान शहर है कुछ जानता भी नहीं है और हमारे पास पैसों की कमी है बड़ी मुस्किल वाली घड़ी है जैसे तैसे पति को बचाने के यहाँ तक पहुँची हु और पेसेंट को खाना मिलेगा पर परिजनों को नहीं मिलेगा बोले है
मैंने तुरंत ही डॉक्टर ke पास वापिस गया और महिला के पति जानकारी लेकर वापिस आया डॉक्टर ने बताया कि घबराने वाली बात नहीं, एक दो दिन ठीक हो जाएँगे राहत भरी खबर थीं सो मैंने उनको बता दिया बहुत रोते हुए उन्होंने मुझे कहा भैया हमको तो कुछ नहीं बता रहे थे पति से मिलने भी नहीं दिए दे रहे है आप को इतना जानकारी दे दी
बहुत है परंतु समस्या तो जस की तस बनी हुई थी वही खाने वाली मैंने उस दिन का भोजन लाकर दोनो को दिया पूरी रात सो नहीं पाया मै और सोचने लगा की ऐसे समय ज़रूरत मंदो को भोजन देना बहुत आवश्यक है तभी मैंने एक पोस्ट बनाया और what’s app में पोस्ट किया जिन कोविड पेसेंट को और उनके परिजनों को भोजन की अश्यकता है उन्हें निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराएँगे हर रोज़ दोपहर और रात भोजन देंगे सुबह से फ़ोन आना शुरू हुआ की मै ये बोल रहा रहा हु यहाँ पे भोजन की अवश्यकता वहा पे देना है पहले दिन लगभग 18 पैकेट भोजन बाँट कर आया तब लगा कि यह मुझे बंद नहीं करना है और यह कार्य आगे जारी रखना है इसके लिए मुझे एक सहयोगी चाहिए जो भोजन बाँटने में सहयोग करे । तभी एक छोटें भाई कूदुदंड निवासी उमेश भाई ने कहा की भैया आप चाहो तो रोज़ ही मै भोजन पहुँचाने जाऊँगा मै उस भाई के जज़्बे को देखा वो हर रोज़ एक मित्र को लेकर आता और सुबह शाम भोजन देकर आता था मेरे कुछ निजी मित्र ने मुझे इस कार्य में आर्थिक सहयोग दिया इस कार्य को करने में फिर मेरे साथ विस्व हिंदू परिषद के साथी जुड़े जिनमे एक पुणे से है एक दिल्ली से है जिन्होंने अभियान में प्रमुख भूमिका निभाई ।
मेरे मित्र मनीष मोटवानी मेरे सहयोगी विस्वाधारम के संचालक चंद्रकांत ने और मार्गदर्शन किया अरीना मल्टीमीडिया के संचालक संदीप गुप्ता जी ने कुछ समय बाद और एक समय आया की हम लोगों को दोपहर में 50 से 60 लोगों तक भोजन दिया गया ।
तब एक संकरी छोटे भाई त्रिवेणी साहू ने अपने वेगन आर लेकर आ गए और बोला की भैया अब इसमें भोजन बाटने में आसानी हो जाएगी और वह भी मदद करने लगा
लगभग यह कार्य 20 दिनो से प्रारंभ है अभी ११०० पैकेट भोजन का वितरण किया जा चुका है जो निरंतर जारी रहेगा।