आज छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट मे पहली बार वीडियो कौनफ्रेंनसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई। हाई कोर्ट मे न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा एवं न्यायमूर्ती गौतम भादुड़ी की खण्ड पीठ मे हुई सुनवाई ।
हाई कोर्ट के द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर corona महामारी के संदर्भ मे याचिका पर सुनवाई की गई। इसी याचिका के साथ मे रायपुर की समाज सवीका ममता शर्मा द्वारा अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से रिट याचिका प्रस्तूत की गई। रिट याचिका के माध्यम से लॉक डाउन के समय मे राज्य द्वारा शराब दुकानों के खोलने हेतु गठित कमिटी को चुनौती दी गई थी। यचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क रखा की क्युकी आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के शक्ति का प्रयोग करते हुए NDMA ( नेशनल डीसास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) ने लॉक डाउन घोषित किया है, वा इसी अनुक्रम मे केंद्रीय गृह सचिव जो NEC (नेशनल एक्सीकुटिव कमिटी ) के पदेन चेयरपर्सन होते है उनके द्वारा corona महामारी से निबटने हेतू गाईडलाईन जारी की। यचिकाकर्ता के अधिवक्ता रोहित शर्म ने तर्क दिया की उक्त अधिनियम की धारा 18, 24 वा 38 का पठन करने से यह स्पष्ट है की राज्य को आपदा प्रबन्धन हेतू अपने नियम बनाने है, परंतु वे नियम NDMA द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुपालन मे होने चाहिये। यचिकर्ता ने राज्य द्वारा लॉक डाउन समय मे शराब को बेचने का अधिकार ही नही है, क्युकी केंद्र द्वारा जिन वस्तु को बिक्री हेतू वा जिन कार्यो को किये जाने की छुट अपने नोटिफिकेशन मे उल्लेखित की है, उसमे खाने की वस्तु, पेट्रोल, गैस दवाई आदी का उल्लेख है। परंतु शराब को इसमे छुट नही दी गई है। इस कारण राज्य द्वारा शराब की बिक्री का प्रयास किया जाना विधि विरुध है। साथ ही शराब दुकानो के खोले जाने से मजदुर वर्ग के लोग जो अपनी दिन की मजदूरी भी नही कमा पा रहे है, उनपर शराब सेवन के कारण दोहरी मार पड़ेगी । हाई कोर्ट की डिवीज़न बेंच ने उक्त मामले मे शाशन को जवाब प्रसतुत करने हेतू आदेशित किया है, वा उक्त दुकानो के सन्दर्भ मे 13 तारिक को अगली सुनवाई निर्धारित की है।