नई दिल्ली। मेक इंडिया को मजबूती देता स्वदेश निर्मित फाइटर जेट एलसीए तेजस को भारतीय लड़ाकू बेड़े में शामिल कर लिया गया है। बेंगलुरू मे चल रहे एयर शो के दौरान तेजस बुधवार को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस पा लिया है। इसके साथ यह विमान अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा होने जा रहा है। 123 विमानों को क्लीयरेंस दिया गया है। यह सभी विमान देश में बने हैं।
तेजस का डिजाइन तैयार करने वाले जीतेंद्र यादव के मुताबिक उन्हें इस जहाज के डिजाइन को तैयार करने में 20 साल लगे। उन्होंने कहा यह बेहतरीन लड़ाकू विमान है।
बुधवार को बेंगलुरु में हो रहे एयर शो में तेजस ने भी अपने जलवे दिखाए। हालांकि, एयर शो की शुरुआत मंगलवार को हादसे में मारे गए सूर्यकिरण टीम के पायलट विंग कमांडर को श्रद्धांजलि देकर हुई। एयरो इंडिया की शरुआत बुधवार को बेंगलुरु के यलहंका एयरफोर्स बेस पर हुई। सूर्यकिरण के पायलट विंग कमांडर साहिल गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए जैगुआर, तेजस और सुखोइ तीनों लड़ाकू विमानों ने एक साथ धीमी रफ्तार में काफी नीचे उड़ान भरी। इसके बाद राफ़ेल के पायलट ने एलान किया कि वो भी श्रद्धांजलि के लिए नीचे उड़ान भरेगा।
इस फाइटर प्लेन में ब्रम्होस मिसाइल जैसे कई अन्य छोटी बड़ी मिसाइलें हमला कर सकती है, जो इसकी मारक क्षमता को और बढ़ा देता है। हवाई यात्रा के बीच ईंधन भरने की सुविधा के साथ-साथ भारत का लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) अपने वेरिएंट के साथ मिलकर, अपनी श्रेणी का सबसे छोटा और सबसे हल्का मल्टी-रोल सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है। यह एकल इंजन, कंपाउंड-डेल्टा-विंग, टेलस एयरक्राफ्ट को भारतीय वायु सेना (IAF) और भारतीय वायु सेना की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए DRA, CSIR, BEL, DGAQA, IAF और IN के साथ HAL के साथ ADA द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह विमान संयुक्त रूप से एक भारतीय-इजरायल उद्यम के रूप में विकसित किया गया है, इसमें मल्टी-टारगेट एयर-टू-एयर ट्रैक, हाय रेजोल्यूशन सिंथेटिक एपर्चर मैपिंग और विशेष एयर-टू-सी मोड हैं।
तेजस एक वायुगतिकीय अस्थिर टेललेस कंपाउंड डेल्टा-विंग कॉन्फ़िगरेशन है, जिसे मुख्य रूप से गतिशीलता और चपलता के लिए अनुकूलित किया गया है। आधुनिक वायु सेना की सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया, तेजस एक बहु-भूमिका वाला विमान है जो व्यापक वायु श्रेष्ठता और वायु रक्षा भूमिकाओं में सक्षम है।