आज मै रोज़ की तरह भोजन वितरण करने दोपहर को 12 बजे निकाला मै अपने धुन में था कुछ कार्य के लिए मुंगेली चौक पर एक पेड़ के नीचे छाया में रुका था तभी एक 23, 24 वर्ष का यह नेत्रहीन युवक हाथ में बॉस की एक लकड़ी रखे हुए धीरे धीरे सड़क पर नंगे पाव चला आ रहा था धूप इतनी तेज थी की मुझे पेड़ के नीचे भी भीषण गर्मी महशुस हो रही थी इस नेत्रहीन को नंगे पाव देखकर मुझसे रहा नहीं गया मैंने तुरंत ही उसे…