केंद्र सरकार ने जब पिछले दिनों 328 फिक्स डोज कंबीनेशन यानी एफडीसी दवाओं पर रोक लगाई तो इस पर काफी बवाल मचा. कुछ दवा निर्माता कंपनियां कोर्ट भी पहुंच गईं और सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही सैरीडॉन समेत तीन दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया. एफडीसी वो दवाएं हैं जो दो या दो से अधिक दवाओं के अवयवों (सॉल्ट) को मिलाकर बनाई जाती हैं. सरकार और विशेषज्ञों का तर्क है कि ये दवाएं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. दूसरी तरफ, कंपनियां एफडीसी या अन्य ब्रांडेड दवाओं के लिए सामान्य से कहीं ज्यादा पैसे भी वसूलती हैं. सरकार इसके बरक्स जन औषधि केंद्र के जरिये जेनेरिक दवाओं को प्रमोट करने में लगी है…
Related posts
-
विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस
आज विश्वाधारंम सौम्य एक नई उड़ान द्वारा विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ यानी ‘वर्ल्ड मेन्सट्रुअल हाइजीन... -
किम्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के द्वारा विशाल रक्त दान शिविर का आयोजन
किम्स सुपर स्पेसलिटी हॉस्पिटल के द्वारा 7 अगस्त को देश के जाने माने लेप्रोस्कोपिक सर्जन ,किम्स... -
किम्स में आपकी हर चिकित्सा समस्या का समाधान संभव
किम्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बिलासपुर के मध्य अग्रसेन चौक के पास 180 बिस्तर का सर्व सुविधा...