मुंबई -केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने भी प्रतिक्रिया दी है. मंगलवार को मुंबई में एक आयोजन में उन्होंने कहा कि प्रार्थना करने का अधिकार सबको है लेकिन किसी चीज को अपवित्र करने का नहीं. स्मृति ईरानी ने कहा, ‘क्या आप माहवारी के खून से भीगे हुए सैनिटरी पैड्स अपने दोस्त के घर में ले जाएंगे? तो ईश्वर के घर में उन्हें क्यों ले जाएं?’
स्मृति ईरानी ने कहा कि धार्मिक आस्था एक निजी विषय है. उनका कहना था कि उन्होंने एक पारसी शख्स से शादी की है और जब भी वे मुंबई के फायर टेंपल में जाती हैं तो उन्हें मंदिर में खड़े होने से मना कर दिया जाता है. स्मृति ईरानी ने कहा कि तब वे सड़क पर या गाड़ी में बैठकर अपने पति और बच्चों का इंतजार करती हैं.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी है. लेकिन इसके खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन के चलते 10 से 50 साल की बीच की उम्र की कोई भी महिला अभी तक मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है. इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 13 नवंबर को सुनवाई करेगा.