बिलासपुर -छत्तीसगढ़ सहित तीन राज्यों में विधानसभा 2018 चुनाव जोर पकड़ चुका है। तीनों राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। सरकार के खिलाफ स्वाभाविक एंटी इनकंबेंसी पहली चुनौती है, भाजपा के लोग मोदी एवं कांग्रेस के दुर्बल नेतृत्व का फायदा उठाने पर उतारू है। छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने 72 प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। कांग्रेस के 55 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। जोगी जी की छत्तीसगढ़ कांग्रेस का मायावती की बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन हो चुका है। जोगी जी ने भी भी 55 सीटों पर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। आम आदमी पार्टी भी कसरत दिखा रही है। बड़े नेताओं में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और भूपेश बघेल चुनाव मैदान में है।
पिछले 1 साल के भारतीय जनता पार्टी के सर्वे में मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मुख्यमंत्री के सामने फीका आया। डॉक्टर रमन सिंह विकास के बहाने और भूपेश बघेल कहां हुआ विकास को दिखाने के नाम पर आमने-सामने हैं। सीडी कांड की गोश्त भी विधानसभा चुनाव में खासा असर ला सकती है। जोगी परिवार का रंग भी चुनाव में खासा दिख सकता है। मंत्रियों में बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल ,राजेश मूणत, प्रेम प्रकाश पांडे,अजय चंद्राकर ,महेश गगडा , पुन्नूलाल मोहले के परिणामों पर सब की नजर होगी।
प्रधान मंत्री और अमित शाह बस्तर और सरगुजा होकर गए हैं। राहुल गांधी भी रायपुर और बिलासपुर का चक्कर लगा चुके हैं। आपसे सिर फुटव्व्ल दोनों तरफ दोनों दल के लिए सिरदर्द हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी की पिछले विधानसभा चुनाव में 49 सीटें हैं कांग्रेस को 39 मिली थी। टिकटवितरण के मामले में व प्रचार मे भाजपा आगे दिख रही है। जनता के मूड को भापने के लिए अभी समय है पर कार्यकर्ताओं के मुड से दोनों दल खासा परेशान हैं। उठापटक मान मनुहार का दौर जारी है, जनता के सामने नोटा का भी ऑप्शन है।
चुनाव आयोग मतदाता जागरण अभियान बखूबी करवा रहा है, जिससे नोटा का रंग फीका दिखाई दे रहा है। विश्लेषकों के अनुसार इस बार सरकार बनाने की कुंजी बस्तर और सरगुजा की जगह मैदानी इलाकों में होगी। घोषित प्रत्याशियों की जनता में साख और जीतने की क्षमता के अनुसार कांग्रेस 55 में 25 सीटें जीत सकती है।कुल सीटो के लिहाज से कांग्रेस का कारवां 36 से 39 सीटों पर पहुंच रहा है। भाजपा बहुमत के कगार पर पहुंच सकती है। 3 से 5 सीटों पर जोगी कांग्रेस और अन्य दल के विधायक चुनकर आ सकते हैं। अब देखना होगा 65 सीटों के लिए सत्ता दल कैसे मिशन पर काम करती है या फिर जोगी कांग्रेस और अन्य दलों की खिचड़ी की नौबत छत्तीसगढ़ में खंडित जनादेश की स्थिति ना ला दे। त्योहारों के बीच बढ़ती ठंड के साथ चुनावी पारा क्या असर दिखलाता है यह वाले माह में साफ हो जाएगा।