बिलासपुर- के विरोध में ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ने 26 व 27 सिंतबर को हड़ताल का आह्वान किया है। 28 को चौथा शनिवार और 29 को रविवार अवकाश रहेगा। यानी चार दिनों तक बैकिंग लेन-देन पूरी तरह से ठप रहेगा।
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉनफेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स (एनओबीओ) ने हड़ताल का आह्वान किया है। न्यायधानी में 25 से अधिक राष्ट्रीयकृत व निजी बैंक हैं। हड़ताल में निजी बैंक के शामिल नहीं होने की बात कही जा रही है। जबकि सरकारी बैंकों में दो दिन हड़ताल रहेगा। अगले दो दिन अवकाश हैं। लिहाजा ग्राहकों व व्यापारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बैंक यूनियनों के मुताबिक वो नवंबर के दूसरे सप्ताह से अनिश्चितकालीन हडताल पर भी जा सकते हैं। बैंक यूनियन सप्ताह में सिर्फ पांच दिन काम की मांग भी कर रहे हैं। बैंकर्स का कहना है कि सरकार ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बडे बैंक बनाने का एलान किया है। इसके तहत पीएनबी में यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक का विलय होगा। वहीं सिंडिकेट बैंक का विलय कैनरा बैंक में होगा। इसी तरह इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाएगा। यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को मिलाया जाएगा। जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा।
ये हैं प्रमुख मांगे
बैंकिंग क्षेत्र में व्यापक विलय व एकीकरण का विरोध।
11वां द्विपक्षीय वेतन समझौते को शीघ्र करना होगा।
पांच दिनों का सप्ताह तथा नकदी लेन देन के समय मे कटौती।
सेवानिवृत्त बैंकर्स के चिकित्सा बीमा प्रीमियम में कमी।
पर्याप्त नई भर्ती, एनपीएस के बजाय परिभाषित पेंशन पेमेंट।
ग्राहकों से वसूले जाने वाले सर्विस बैंक अधिकारियों के उत्पीड़न को रोकने व्यापक उपाय।