सामज सेवक रौनक़ सलुजा ने श्रधांजलि व्यक्त करते हुए बताया की जोगीसरा गांव में जन्मे जोगी जी के गांव में बिजली भी नही थी, तमाम अभावों के बीच जोगी जी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी(भोपाल) में चयनित हुए, फिर रायपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में अध्यापन का कार्य करते हुए यूपीएसी में चयनित हुए लेकिन आईपीएस का पद ठुकरा कर दोबारा परीक्षा देकर अंडर टेन में यूपीएसी में सेलेक्ट होकर आईएएस बने!!
1986 में नौकरी से इस्तीफा देकर जोगी जी राजनीति में सक्रिय रहे, और सन 2000 में छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बने!
जोगी जी जिस परिवेश से आये थे, लोग उस परिवेश से इतने लंबे सफर के सपने देखने से भी डरते हैं,
जोगी जी ने निम्न और मध्यम वर्ग के लोगो को सपने देखने की उड़ान भरने की हिम्मत दी!!
2004 के भीषण सड़क हादसे के बाद जब उनकी पूरी स्पाइनल कॉर्ड क्षतिग्रस्त हो गयी, तब न्यूयॉर्क के डॉक्टरों ने भी उनकी जिंदगी 2 से 3 साल घोषित कर दी थी,
लेकिन ये उस अजातशत्रु की जिजीविषा थी उन्होंने व्हील चेयर में 16 साल गुजार दिए, लेकिन उनकी सक्रियता में एक प्रतिशत की भी कमी नही हुयी, जोगी जी का जाना प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है,
इस विषम परिस्थिति में प्रदेश को अभी जोगी जी के मार्गदर्शन की बहुत जरूरत थी!!
ईश्वर से कामना है, माटी के इस लाल को अपने श्री धाम में स्थान दें।
ॐ शांति 💐💐