बिलासपुर। सिविल लाइन सीएसपी संदीप पटेल को जमीन मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि पुलिस ही जांच और एफआईआर में गड़बड़ी करती है। मामले में कुछ नेताओं का नाम सामने आने के बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले में रजिस्टर्ड एफआईआर होनी चाहिए। जस्टिस व्यास ने कहा कि अगर मैंने कार्रवाई करने लिख दिया तो सीएसपी संदीप पटेल परेशानी में आ जाओगे। हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद सीएसपी ने तुरंत नोटरी के साथ एफआईआर करने की बात कोर्ट में कही।
चांटीडीह स्थित नगीना मस्जिद के पास रहने वाले पूर्व ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष रज्जब अली (52) बिल्डिंग मटैरियल सप्लाई का काम करते थे। जमीन विवाद के तनाव में उन्होंने खुदकुशी की थी। मामले में कांग्रेस नेता अकबर खान और दीपेश चौकसे के खिलाफ शिकायत हुई। लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। मृतक रज्जब अली की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें उन्होंने परिवार के सदस्यों से माफी मांगते हुए अपने आपको कांग्रेस कार्यकर्ता बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा मांगी थी। इसी मामले में कोर्ट ने कहा कि मामले में पुलिस ही फैसला करने वाली बन रही है। इतना ही फैसला करने का शौक है तो वर्दी उतारकर वकालत शुरू कर दीजिए। कोर्ट ने सीएसपी से यह भी कहा कि भगवान के लिए वर्दी की थोड़ी कद्र कर लीजिए। सीएसपी ने मामले में तत्काल मामला दर्ज करने की बात कोर्ट में कही।
कांग्रेस नेताओं पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था परिजन ने
मृतक व्यवसायी कांग्रेस नेता के बेटे हमाम अली और बेटी शबाना बेगम ने अपने पिता की मौत के लिए कांग्रेस नेता अकबर खान और तैय्यब हुसैन को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान की जमीन में कब्जा करने और उसे तोड़ने की धमकी दी जा रही थी। उन्होंने बताया कि अकबर खान और तैय्यब हुसैन ने रज्जब की दुकान के बगल की जमीन का सौदा किया है। इसके बाद वे रज्जब की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे, इसके लिए उनके पिता को प्रताड़ित किया गया।