इंदौर-कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वे ‘हिंदूवादी’ नेता नहीं बल्कि ‘राष्ट्रवादी’ नेता हैं. उन्होंने भाजपा के एक आरोप पर पलटवार करते हुए यह बात कही है. भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ ‘फैंसी ड्रेस हिंदूवाद’ का आरोप लगाया था. इसी का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वे एक राष्ट्रवादी नेता हैं जिसे मंदिर जाने के लिए भाजपा के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है. राहुल गांधी ने जोर देते हुए कहा कि वे हिंदूवादी नेता न होकर हर धर्म और हर वर्ग के नेता हैं.
पीटीआई के मुताबिक राहुल ने इंदौर में चुनिंदा संपादकों और पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह किसी मंदिर में दर्शन के वक्त संबंधित देवस्थान की परंपरा के मुताबिक वस्त्र पहनते हैं, तो भाजपा इस पर खामोश रहती है. लेकिन जब मैं, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी मंदिर में वहां की परंपरा के मुताबिक कपड़े पहनते हैं, तो हमारे लिए कहा जाता है कि हम फैंसी ड्रेस हिंदूवाद का प्रदर्शन कर रहे हैं.’
राहुल गांधी ने तल्ख लहजे में सवाल किया, ‘क्या देश के मंदिर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संपत्ति हैं ? क्या वहां जाने का ठेका केवल मोदी और शाह के पास है? मेरा किसी भी मंदिर में भगवान के दर्शन का मन करेगा, तो मैं वहां जरूर जाऊंगा. मुझे मंदिर जाने के लिए भाजपा से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है. मैं हिन्दू धर्म को भाजपा से बेहतर समझता हूं.’ वहीं, एक सवाल पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि वे हर धर्म के विश्वासों का सम्मान करते हैं, इसलिए वे मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च और अन्य आराधना स्थलों में भी जाते हैं.