कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अगले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी ,न्यूज़ 18 से खास बातचीत में उन्होंने कहा, ‘हमने कभी नहीं कहा कि हम चाहते हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें. जब कुछ कांग्रेसी नेता इस बारे में बात कर रहे थे, तो अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) ने हस्तक्षेप किया और उन नेताओं को ऐसी बातें करने से रोक दिया.’
चिदंबरम ने आगे कहा, ‘हम भारतीय जनता पार्टी को हराना चाहते हैं. उसकी जगह एक वैकल्पिक सरकार देखना चाहते हैं जो प्रगतिशील हो. लोगों की आजादी का सम्मान करती हो. कर आतंकवाद में शामिल न हो. महिलाओं-बच्चों को सुरक्षा देती हो. जो किसानों को ऊपर उठाए. इसके लिए पहले हम एक गठबंधन बनाना चाहते हैं. फिर चुनाव बाद गठबंधन के सभी दल मिलकर तय करेंगे कि प्रधानमंत्री कौन होगा.’
पी चिदंबरम ने यह भी स्वीकार किया कि पिछले दो दशकों में क्षेत्रीय दलों की ताकत बढ़ी है. वे राष्ट्रीय दलों के वोटबैंक में सेंध लगा रहे हैं. इसीलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों का वोट प्रतिशत संयुक्त रूप से 50 प्रतिशत से कम हो गया है.’ उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वे कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले क्षेत्रीय दलों को धमका रहे हैं. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह स्थिति जल्द बदल जाएगी जब केंद्र सरकार कार्यकारी (संसद भंग होने के बाद) हो जाएगी और कांग्रेस राज्य स्तर पर महागठबंधन तैयार कर लेगी.
इससे पहले हिंदुस्तान टाइम्स के लीडरशिप समिट में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि यदि सहयोगी चाहेंगे कि वे ‘प्रधानमंत्री बनें तो निश्चित तौर पर बनेंगे, लेकिन पहला कदम सभी पार्टियों के साथ मिलकर सत्तारूढ़ भाजपा को पराजित करना है.’