नई दिल्ली । पुलवामा हमले के बाद भारत को जैश- ए- मोहम्मद के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक सफलता मिली है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस आतंकी मसूद अजहर को बैन करने एक बार फिर यूएन में प्रस्ताव लाएंगे। पुलवामा हमले में 40 जवानों को खोने के बाद भारत ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है। भारत के तेवर को देखते हुए पाक पीएम इमरान खान को पूरी दुनिया को सफाई देनी पड़ी है। हालांकि इसका असर दिखाई नहीं दिया है। हमले के बाद कई देश भारत का समर्थन कर चुके हैं। पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जैश ने जिम्मेदारी ली थी। जैश का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में छिपा बैठा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर पर प्रतिबंध के लिए प्रस्ताव लाएगा । यह दूसरा मौका होगा जब फ्रांस संयुक्त राष्ट्र में ऐसे किसी प्रस्ताव के लिए पक्ष बनेगा। 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति 1267 में एक प्रस्ताव पारित किया था । जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव पर चीन ने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करके आतंकी मसूद अजहर को बचा लिया था ।
अब एक बार फिर आतंकियों के खिलाफ दुनिया एकजुट हो रही है। फ्रांस राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार फिलिप एतिन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच मंगलवार सुबह इस मुद्दे को लेकर बातचीत हुई थी। इस दौरान पुलवामा हमले को लेकर गहरी संवेदनाएं जताते हुए फ्रांसीसी कूटनीतिज्ञ ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों को अपने कूटनीतिक प्रयासों में समन्वय करना चाहिए ।
पूरी दुनिया में पाकिस्तान के खिलाफ माहौल बनाने में भारत को कामयाबी मिली है। यदि आतंकी सरगना मसूग अजहर पर बैन लगता है तो पाकिस्तान को उस पर कार्रवाई करनी पड़ेगी,साथ ही आर्थिक रुप से भी जैश-ए-मोहम्मद की कमर टूट जाएगी । इससे एक बड़ी जीत भारत को मिलेगी ।