बिलासपुर। विधानसभा चुनाव में हार के बाद बिलासपुर लोकसभा सीट को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन रही है। यह तय नहीं हो पा रहा है कि बिलासपुर से अब लोकसभा का दावेदार कौन होगा? जानकारों के मुताबिक वर्तमान सांसद लखन लाल साहू की टिकट कटनी तय मानी जा रही है, क्योंकि पिछले दिनों सन स्टार टीवी के स्टिंग ऑपरेशन में वे भी लपेटे में आ चुके हैं। इसके अलावा पार्टी अब कई सीटों पर चेहरे बदलकर चुनाव लड़ना चाह रही है। ऐसे में बिलासपुर विधानसभा से 20 साल तक विधायक और 15 साल तक मंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता अमर अग्रवाल को स्वाभाविक उम्मीदवार माना जा रहा है।
लेकिन अमर अग्रवाल के साथ-साथ लोगों की निगाहें भूपेंद्र सवन्नी और धरमलाल कौशिक की तरफ भी है। विधानसभा चुनाव में शैलेष पांडेय से हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी में अमर अग्रवाल खेमे में इस बात को लेकर बेचैनी है कि “भैया” अब क्या करेंगे। संगठन का काम देखेंगे या फिर चुनाव लड़ेंगे। जहां तक अमर अग्रवाल की बात है, तो उनके खेमे के कुछ लोगों का मानना है कि वे चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी लगातार दिल्ली भी बात चल रही है, कुछ इशारा भी हुआ है, लेकिन अगर संगठन की बात करें तो कोई इस तरफ इशारा भी करने को तैयार नहीं है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि भाजपा की कतार में सिर्फ अमर अग्रवाल हैं। यहां धरमलाल कौशिक और भूपेंद्र सवन्नी का नाम भी जोरो से लिया जा रहा है। धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया है। वे फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी। जातिगत समीकरणों को देखते हुए उनके नाम की चर्चा है। भूपेंद्र सवन्नी का दावा विधानसभा चुनावों से पहले से चला आ रहा है। फिलहाल सबकी निगाहें अमर अग्रवाल पर टिकी हुई है।
संगठन ने उन्हें पांच लोकसभा सीटों का क्लस्टर हेड बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी है। इन जिम्मेदारियों के साथ भाजपा ने उनके कद को बताने की कोशिश भी है, लेकिन यह देखना होगा कि यह कद टिकट की संभावना में बदलता है या नहीं। हालांकि खुद अमर अग्रवाल ने अब तक लोकसभा के लिए उम्मीदवारी नहीं जताई है। लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं कि शहर के एक बड़े वर्ग का उन्हें समर्थन मिलता रहा है।