परिजनों की मांग पर युवक्ति को अपोलो रेफर किया गया
मरीज उम्र 18 वर्ष ग्राम निरतु थाना कोणी जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ जो दिनांक 18.05.20 को समय 03:40 दोपहर को हमारे अस्पताल में भर्ती हुई। मरीज के परिजनों द्वारा बताया गया की मरीज की हालत सुबह 7 बजे से चाय पिने के उपरांत बिगड़ना चालू हो गयी थी इसलिए उसे इलाज हेतु पहले CIMS एवं नारायणी अस्पताल बिलासपुर में ले जाया गया जहाँ पर मरीज की प्राथमिक उपचार कर उन्हें हायर सेण्टर रेफेर किया गया जिसके बाद मरीज परिजन उसे गंभीर हालत में श्रीराम केयर अस्पताल में 18.05.20 को समय 03.40 दोपहर को भर्ती कराया गया। मरीज की गंभीरता को देखत हए उसे ICU में भर्ती किया गया जाँच के दौरान पाया गया की मरीज ने किसी प्रकार का जहर (कीटनाशक) का सेवन किया है जिसकी पुष्टि मरीज के परिजनों ने कीटनाशक की डब्बी एवं ट्रामाडोल इंजेक्शन का डिब्बा परिजन ने डॉक्टर को ला के दिखाया। मरीज चुकी बेहोशी की अवस्था में थी और उन्हें नर्स द्वारा कैथेटर लगाया गया उसी दौरान मरीज मासिक धरम में भी पायी गयी जिसकी पुष्टि मरीज की माँ द्वारा की भी गयी। दिनांक 19.05.20 को सुबह मरीज को सांन्स लेने में दिक्कत हुई जिसके चलते मरीज की स्वांस नाली मैं ET TUBE डाल कर वेंटीलेटर द्वारा सांस लेने में मदद दी गयी, राइस ट्यूब वाश करके मरीज के पेट से जहर साफ किया गया । मरीज 18.05.20 से 07 बिस्तर के ICU भर्ती है जहाँ 07 मरीज एक साथ एक कक्ष में विभिन्न बिस्तर पर भर्ती है उनकी देख रेख के लिए एक इयूटी डॉक्टर 24 घंटे उपस्थित रहते है साथ ही चार स्टाफ नर्स एवं आया की ड्यूटी भी रहती है ICU के बाहर एक सुरक्षा कर्मी 24 घंटे तैनात रहते है मरीजों के परिजनों का आवागमन 24 घंटे होता रहता है। मरीज को इलाज के लिए विभिन्न प्रकार के दवाई भी दी जा रही थी जिसमें से एक दवा एट्रोपिन है जो जहर को काटने का मुख्या काम करती है यह दवा के सेवन से मरीज को साइकोसिस (PHYCOSIS, HALOCINATION ) का प्रभाव दिमाग पर पड़ता है जिससे मरीज को विभिन्न प्रकार के दुष्खयाल आने की सम्भावना रहती है अस्पताल प्रबंधन द्वारा पुलिस को कक टीवी का फुटेज उपलब्ध करा दी गयी है अस्पताल प्रबंधन का मन्ना है की इस पुरे प्रकरण की निष्पक्ष जाँच होना चाहिए मरीज के परिजनों की मांग पर मरीज के परिजनों की मांग पर मरीज को अपोलो हॉस्पिटल इयूटी डॉक्टर एवं स्टाफ नर्स के साथ रेफर किया गया है।
डॉक्टर अमित सोनी