नई दिल्ली-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उमा भारती को लेकर विवादित बयान दिया है. उनके इस बयान की काफी आलोचना हो रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उनके बयान की निंदा की है और उनसे माफी मांगने को कहा है. इसके अलावा राहुल गांधी ने अन्य कांग्रेसी नेताओं को भी ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दी है. सीपी जोशी ने कहा, उमा भारती हिन्दुत्व की बात करती हैं, जबकि वह लोधी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिन्दुत्व की बात करते हैं, जबकि वह ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से आते हैं. सीपी जोशी ने कहा, केवल ब्राह्मण हिन्दुत्व की बात नहीं करते हैं. इस देश के लोगों को गुमराह किया गया है. धर्म और गवर्नेंस दोनों दो चीजे हैं. सभी को अपने पसंद के धर्म को मानने का अधिकार है.
गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं
सीपी जोशी ने आगे कहा, वे कहते हैं कि कांग्रेसी हिन्दू नहीं हैं. उन्हें यह सर्टिफिकेट बांटने का अधिकार किसने दिया. क्या उन्होंने कोई यूनिवर्सिटी खोल रखी है. उन्होंने कहा, अगर कोई धर्म के बारे में जानता है तो वह ब्राह्मण है. सीपी जोशी ने कहा, सरदार वल्लभ भाई पटेल पंडित जवाहरलाल नेहरू कैबिनेट का हिस्सा थे. भारत को एकीकृत करने की जिम्मेदारी पंडित वल्लभ भाई पटेल के पास थी और पंडित नेहरू का उन्हें समर्थन प्राप्त था. उन्होंने पंडित नेहरू को विश्वास में लिए बिना कोई काम नहीं किया, लेकिन आजकल गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं.
राहुल गाँधी जताई नाराजगी
दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीपी जोशी के बयान पर कड़ी नाराजगी जताई है. राहुल ने कहा, सीपी जोशी का बयान कांग्रेस के मूल्यों के खिलाफ है. पार्टी नेताओं को किसी की भी भावनाओं को आहत करने से बचना चाहिए. मुझे मालूम है कि सीपी जोशी को गलतियों का अहसास होगा. उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए.