आरक्षण रद्द करने की माँग को लेकर कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल , राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपा परशुसेना ने

EWS व्यवस्था के अंतर्गत 10% आरक्षण को यथावत रखने

EWS की व्यवस्था शासन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य(अनारक्षित)वर्गों को प्रदान की गयी है  जो की पुरे आरक्षण व्यवस्था का मात्र 

10% है जिसे प्रशासकीय तौर पर पारित होने के पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना और देश मे लागू किया है छत्तीसगढ़ प्रदेश की सरकार इसे कम कर के 4% करने का फैसला लिया है जो सामान्य वर्ग(अनारक्षित)के लिए हितकारी नहीं है जिस से पूरा समाज आक्रोशित है सरकार सभी वर्गों में भेद किये बिना एंव सवर्स्पशी निर्णय के साथ कार्य करनी चाहीये परंतु छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय पक्षीय राजनीति से परिपूर्ण प्रतीत होता है जिससे वर्ग संघर्ष की व्यवस्था आने वाले समय में बढ़ सकती है

ज्ञात हो की सामान्य(अनारक्षित)वर्ग में भी आर्थिक तौर पर विपन्न वर्ग भी बहुतायत में है छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय से उनके हित पर सीधा कुठाराघात है और सामान्य वर्ग का अहित हो रहा है
आपसे आग्रह है आरक्षण की नवीन व्यवस्था प्रदेश मे लागू होने से संवैधानिक ढॉंचे में असंतुलन उत्पन्न होगा इस हेतु EWS के 10% मे कोई कटौती नही हो जिस से सामान्य वर्ग खुद को उपेक्षित महसूस न करें
सामान्य(अनारक्षित)वर्ग हमेशा हर व्यवस्था मे सहयोग करने वाला वर्ग रहा है परंतु इस निर्णय से सामान्य वर्ग में व्यापक आक्रोश है सभी धर्मों के धर्मावलंबियों में सामान्य(अनारक्षित)वर्ग के लोगों का समावेश भी है इस सर्व समाज का आक्रोश अपनी सीमा पार कर सड़क मे सामने न आए और वर्ग संघर्ष में तब्दील ना हो इस हेतु
इस विषय को ध्यान में रखना आवश्यक है

निवेदन है की आरक्षण की व्यवस्था पूर्ववर्ती रुप से सामान्य रखी जानी चाहिये नहीं तो विवशता पूर्वक सर्व समाज के अनारक्षित वर्ग वृहद स्तर मे आंदोलन करने बाध्य होंगे

                     
                 

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