हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा एवं श्री गौतम भादुड़ी की खंडपीठ ने छत्तीसगढ़ बेवरेज कारपोरेशन द्वारा गठित कमीटी को निरस्त किया था, क्युकी राज्य ने लॉक डाउन समय मे शराब नही बेचने का निर्णय लिया था इस कारण बेव्रेज कारपोरेशन की कमिटी स्वत: निर्योज्ञ हो चुकी थी। याचिकाकर्ता ममता शर्मा की ओर से अधिवक्ता रोहित शर्मा ने इस मामले मे जिरह की थी, और इसके उपरांत हाई कोर्ट ने शाशन को लॉक डाउन मे शराब बिक्री हेतू NDMA की गाईड लाईन के हिसाब से निर्णय लेने हेतू कहा था। पहली बार शाशन द्वारा 20 अप्रैल तक इसे बंद रखने का निर्णय लिया गया। आज पुन: सरकार के समान्य प्रशाशन विभाग द्वारा जारी 20 अप्रैल से प्रतिबंद एवं छुट से सम्बंधित दिशा निर्देश मे बार को 03 मई तक प्रतिबंधित रखने का निर्णय लिया गया है। जिससे शराब प्रेमियो मे निराशा की लहर है।
पर वही दुसरी ओर शाषन के इस निर्णय का सामान्य जनता ने सहर्ष स्वागत किया है। समाजसेवी संगठन एवं नशा मुक्ति आन्दोलन से जुड़े लोगो ने भी इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा की इससे ना केवल corona के फैलने का खतरा कम होगा बल्कि शराब के दुश परिमाण से भी जनता की रक्षा होगी।