- छत्तीसगढ़ में पहली बार तैयार किया जा रहा है गुंडे-बदमाशों का डेटा बेस
- रायपुर के एसएसपी अजय यादव की पहल- पेन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स, परिवार के फोन नंबर्स समेत सभी जानकारी रविवार को देंगे सभी निगरानीशुदा और अपराधी तत्व
रायपुर पुलिस एक नई पहल करने जा रही है। अब तक गुंडे बदमाशों की लिस्ट सिर्फ थानों में फिंगर प्रिंट या फोटो तक सीमित रहती थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में रायपुर में पहली बार सारे गुंडे बदमाशों का एक बड़ा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। इसके लिए राजधानी के करीब 350 बदमाशों को 32 थानों में बुलाया गया है और अपनी सभी जानकारी के दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है। एसएसपी अजय यादव ने सभी थानों को निर्देश दिया है कि सभी बदमाशों के बैंक के पासबुक की फोटोकापी, आधार कार्ड, पेन कार्ड, राशनकार्ड समेत सभी जरूरी दस्तावेजों को थानों में जमा कराया जाए। इससे पहले गुंडे बदमाशों की सड़क पर रैली निकाल चुके हैं।
राजधानी की पुलिस पहली बार राज्य में शातिरों का डेटा बेस तैयार कर रही है। कानपुर की घटना से सीखते हुए अपनी पुलिस के रिकार्ड को इतना दुरुस्त किया जा रहा है कि एक क्लिक पर अपराधियों की पूरी डिटेल्स मिल जाएगी। अभी तक डायरी वगैरह में ये रिकार्ड रहते थे। लेकिन अब ये डिजिटल में तब्दील हो रहा है। एसएसपी अजय यादव ने रायपुर की जिम्मेदारी संभालने केसाथ ही यह तय कर दिया था कि बेसिक पुलिसिंग पर पहले काम होगा। सोशल पुलिसिंग भी होगी, लेकिन क्राइम को घटाना प्राथमिकता है। इसी के तहत गुंडा अपराधियों की रैली निकाली गई थी और अब रायपुर जिले के सभी थानों में अपराधी, बदमाश अपनी डिटेल जमा करेंगे। करीब 350 नामों की सूची है। बदमाश थाने में आकर एक प्रोफार्मा में जानकारी देंगे। आगे इन्हें राज्य के थानों से जोड़ने की कोशिश भी की जाएगी, ताकि राज्य में कहीं भी किसी भी अपराधी का डिटेल एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके। चर्चा है कि यूपी गैंगस्टर विकास दुबे की कुख्यात कारनामे और विदेशों में मिली प्रॉपर्टी के बाद रायपुर पुलिस भी इस दिशा में काम कर रही है। ताकि बदमाशों पर पुलिस नजर रख सके।
ससुराली और दोस्तों के करीबियों की भी जानकारी
बदमाशों की डिटेल के साथ साथ करीबियों और ससुराल पक्ष के लोगों की जानकारी भी मांगी जा रही है। बदमाशों को अपने घर के सभी सदस्यों का मोबाइल नंबर के अलावा अगर शादीशुदा है तो ससुराल, अपने दोस्तों और करीबियों का मोबाइल नंबर व पता देना होगा। उन्होंने अपने व्यवसाय या नौकरी की जानकारी भी देनी होगी। कहां काम करते है उसका पता देना होगा। पिछले 3 माह में कहां-कहां गए और किन लोगों से मुलाकात किए है। इसकी भी जानकारी देनी होगी। उनके घर पर पिछले एक माह के भीतर कौन-कौन आए हैं। इसकी भी जानकारी पूरी थाने में बदमाशों को देना होगा।
इसलिए जुटा रहे हैं जानकारी
एसएसपी अजय यादव ने बताया कि बदमाश अपना ठिकाना बदल देते हैं और मोबाइल नंबर भी बदलते रहते हैं। नए डेटाबेस से बदमाश पुलिस को चकमा नहीं दे पाएंगे। थाने में दी गई नई जानकारी को क्रॉस चेक किया जाएगा। उस पर हमेशा नजर रखी जाएगी। पैन, आधार और बैंक की जानकारी होने से आर्थिक गतिविधियों को सर्विलांस में रखा जाएगा। हर महीने इसकी जांच की जाएगी। इससे उनके अन्य गतिविधियां का भी पता चल जाएगा। उनके प्रॉपर्टी की भी जानकारी भी खंगाली जाएगी। बदमाशों का फिंगर, फूट और आंखों का बायोमेट्रिक रख रही है।
5 दिन में 35 लोगों का खोला गया रिकॉर्ड
रायपुर पुलिस ने 5 दिनों में 35 बदमाशों का रिकॉर्ड खोला गया है। 19 बदमाशों का गुंडा बदमाश और 16 लोगों की निगरानी फाइल खोली गई है। 14 नए बदमाशों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। उनकी भी गुंडा फाइल खोला जाएगी। इसमें से कुछ लोगों की जिलाबदर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। कलेक्टर इसका आदेश करेंगे।