रायपुर – कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है ।कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस घोषणा पत्र को राजनांदगांव में जारी किया. कांग्रेस ने दावा किया है कि घोषणा पत्र सभी 27 जिलों में दौरा कर समाज के हर तबके की जरूरतों और उनसे मिले सुझावों के बाद तैयार किया गया है, जिसे सरकार बनने की स्थिति में लागू किया जाएगा. राहुल गांधी ने घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा कि सरकार बनने पर दस दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा. 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी की जाएगी. धान खरीदी के लिए 15 क्विंटल की लिमिट खत्म कर दी जाएगी. धान खरीदी पर बोनस दिया जाएगा. कांग्रेस ने वादा किया है कि जिन दो सालों का बोनस बीजेपी सरकार ने नहीं दिया है, उसे भी कांग्रेस सरकार देगी.
किसानों के खेत के करीब ही फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा. राजीव मित्र योजना शुरू कर दस लाख बेरोजगार युवाओं को 2500 रूपए मासिक भत्ता दिया जाएगा. सरप्लस बिजली वाले राज्य में जनता को बिजली की दरों में छूट देकर बिजली के बिल आधे किए जाएंगे. कांग्रेस ने राज्य में लोकपाल अधिनियम लागू किए जाने का भी वादा जनता से किया है. घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कहा है कि लोकपाल के अधीन मुख्यमंत्री, मंत्री और सभी अधिकारियों को लाया जाएगा. कांग्रेस ने नक्सल समस्या के समाधान के लिए अलग नीति बनाए जाने का भी वादा किया है. राहुल गांधी ने कहा कि जितने भी सरकारी पोस्ट खाली पड़े हुए हैं, कांग्रेस की सरकार उसे जल्द से जल्द भरेगी.
कांग्रेस के घोषणा पत्र पर एक नजर
किसानों के ऋण माफ होंगे।
सरकार बनने के 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।
कृषि फसलों का न्यूनतम मूल्य पर खरीदी।
धान खरीदी की न्यूनतम दर 2500 रुपए प्रति क्विंटल,
मक्का की खरीद न्यूनतम दर 1700 रुपए प्रति क्विंटल
सोयाबीन की खरीद न्यूनतम दर 3500 रु प्रति क्विंटल
चना की खरीद न्यूनतम दर 4700 रु प्रति क्विंटल
गन्ना की खरीद न्यूनतम दर 355 रु प्रति क्विंटल
बिजली बिल आधा किया जाएगा:
घर-घर में रोजगार होगा:
10 लाख बेरोजगारों को सामुदायिक विकास और समाज सेवा गतिविधियों में भाग लेने पर न्यूनतम 2500 रुपए महीने दिया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा अिधकार:
प्रत्येक परिवार को 35 किलो चावल हर महीने 1 रुपए की दर से, बीपीएल परिवारों को नियंत्रित दर पर तेल, दाल, नमक, चीनी और केरोसीन दिया जाएगा।
स्वास्थ्य का अधिकार:
हर नागरिक को सर्वजन स्वास्थ्य योजना में गुणवत्तायुक्त इलाज की नि:शुल्क सुविधा, गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए उच्चतम श्रेणी के डॉक्टर नियुक्त किए जाएंगे। आधुनिक चिकित्सा सुविधा युक्त अस्पताल बनाए जाएंगे।
शिक्षा का अधिकार:
शिक्षा का अधिकार पूर्व माध्यमिक से कक्षा 12वीं तक लागू किया जाएगा। छात्राओं को नर्सरी से पोस्ट ग्रेजुएट तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। आंगनबाड़ियों में बालवाड़ी प्री प्राइमरी स्कूल शिक्षा की शुरूआत की जाएगी।
ग्रामीण और शहर आवास का अधिकार:
एक साल के अंदर होमस्टेड अधिनियम लाया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण भूमिहीन 5 सदस्यीय परिवार को घर एवं बाड़ी के लिए जमीन दी जाएगी। शहरी क्ष्ोत्र में आवासहीन परिवारों को 2 कमरों का मकान दिया जाएगा। भूमिहीन कब्जाधारी परिवारों को नियत अवधि में पट्टा दिया जाएगा।
वनाधिकार कानून का पालन:
वन अधिकार अधिनियम पूर्णत: लागू किया जाएगा। वनोपज और प्राकृतिक संसाधनों पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाती, पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग व्यक्तिगत अधिकार एवं ग्राम सभा को सामूहिक अधिकार दिया जाएगा। पांचवी अनुसूची और आदिवासी क्षेत्रों के लिए पंचायत अधिनियम (पेसा कानून) को पूर्णत: लागू किया जाएगा।
महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध:
राज्य में महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने पूरी तरह प्रतिबद्ध रहेंगे। महिलाओं के संरक्षण के लिए कानून का सख्ती से पालन किया जाएगा।
शासकीय कर्मचारियों का सम्मान:
समस्त तृतीय व चतुर्थ वर्ग शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति व चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान लागू किया जाएगा। अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितिकरण की कार्यवाही की जाएगी। किसी की छंटनी नहीं की जाएगी। शिक्षाकर्मी के 2
साल पूरा करने पर नियमितिकरण की कार्यवाही की जाएगी।
पेंशन योजना:
सर्व वृद्धा पेंशन योजना के अंतर्गत 60 साल से अधिक आयु के नागरिकों को 1000 रुपए महीना, 75 से अधिक आयु के नागरिकों को 1500 रुपए पेंशन दिया जाएगा। सभी विधवा महिलाओं को 1000 रुपए महीना पेंशन दिया जाएगा।
महिला स्व सहायता समूह का सशक्तिकरण एवं कर्ज माफी:
महिला स्व सहायता समूहों का कर्ज माफ किया जाएगा। महिला स्व सहायता समूहों को धोखाधड़ी से बचाने सख्त कानून बनाए जाएंगे।
शराबबंदी:
राज्य में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। बस्तर, सरगुजा जैसे अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा को शराबबंदी का अधिकार होगा।
मनरेगा का विस्तार:
मनरेगा को कृषि कार्य खेती, पशुपालन से जोड़कर खेती की लागत को कम किया जाएगा। मांग पर रोजगार नहीं मिलने पर कानून के अनुसार भत्ता दिया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण:
भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का सख्ती से पालन करते हुए अधिगृहीत की गई कृषि भूमि के लिए मुआवजा ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार से दर से 4 गुना प्रदान किया जाएगा।
जल संसाधन नीति:
छत्तीसगढ़ की पहली जल संसाधन नीति लागू की जाएगी, जिसमें पेयजल एवं सिंचाई को प्राथमिकता दी जाएगी।
सिंचित क्षेत्र होगा दोगुना:
लघु और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देकर 5 सालों में सिंचित क्षेत्र को दोगुना किया जाएगा। सिंचाई शुल्क को समाप्त कर पुराने बकाया राशि माफ किया जाएगा।
फूड पार्क:
प्रदेश में200 फूड पार्क स्थापित किया जाएगा। हर ब्लाँक में एक पार्क बनाया जाएगा।
कामधेनु सुरक्षा केंद्र:
लावारिस मवेशियों के लिए बाड़े व गौशालाएं बनाई जाएंगी। अमूल मॉडल के अनुरुप हर जिले में सहकारी दुग्ध समिति बनाई जाएगी।
लोकपाल:
छत्तीसगढ़ में लोकपाल अधिनियम लागू किया जाएगा। सीएम और मंत्री व सभी अधिकारियों को इसके अधीन लाया जाएगा।
नक्सल समस्या:
नक्सल समस्या के लिए नीति तैयार की जाएग। बातचीत के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे। हर नक्सल प्रभावित पंचायत को सामुदायिक विकास कार्य के लिए एक करोड़ दिए जाएंगे।
विशेष कानून अधिकार:
राज्य में पत्रकारों, वकीलों, डॉक्टरों के संरक्षण के लिए विशेष कानून अधिकार बनाए जाएंगे।
ग्राम सड़क योजना:
ऐसे सभी गांव और पारा, टोला जो किसी अन्य मौजूदा योजना में शामिल नहीं किया गया है उन्हें योजना के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
गजराज योजना:
छत्तीसगढ़ में लेमरु, कोरबा जैसे वन क्षेत्रों में हाथी और वन्यजीव अभ्यारण्य स्थापित किए जाएंगे और मानव, हाथी के संघर्षों को कम करने के लिए जंगलों को वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।
वनोपज की उिचत मूल्य पर खरीदी:
तेंदूपत्ता 4000 रुपए प्रति मानक बोरे के दर पर खरीदा जाएगा। 75 से 50 प्रमुख वनोपज उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले साल में बढ़ाया जाएगा और वार्षिक समीक्षा की जाएगी।
इंटरजेनरेशन इक्विटी: इंटरजेनरेशन इक्विटी के सिद्धांतों पर नीति बनाई जाएगी। अर्थशास्त्री व समाजसेवी संगठन शामिल होंगे।
पर्यटन को बढ़ावा:
पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।