अगले प्रदेश अध्यक्ष के लिए श्री सौदान सिंह जी राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय या पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरी शंकर अग्रवाल में से किसी एक को देखना चाहते हैं वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी श्री गौरीशंकर और श्री राजेश मूणत के बीच निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि प्रदेश कि कमान किसे दें,परिणामस्वरुप छत्तीसगढ़ में भाजपा अध्यक्ष की घोषणा नहीं हो पा रही है ,अटकलें ये भी लग रही हैं कि डॉ रमन सिंह जी और श्री सौदान सिंह जी कहीं ये तो नहीं साबित करना चाह रहे हैं कि उनके बिना कुछ भी नहीं हो सकता |
वर्चस्व कि लड़ाई जारी है वैसे पिछले दो दशकों से श्री सौदान सिंह जी कि राजनितिक पैठ अभी पन्द्रह साल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी पर भारी है | यह भी देखने वाली बात है कि सुश्री सरोज पाण्डेय जी की राजनैतिक यात्रा सौदान सिंह जी के छत्तीसगढ़ आने के बाद आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है और श्री गौरीशंकर अग्रवाल ,श्री राजेश मूणत ,श्री छगन मूंदड़ा ,श्री सुभाष राव की संपूर्ण योग्यता संगठन मंत्रियों की परिक्रमा तक ही सीमित है पर राजनीतिक अभ्युदय की संभावना इन्ही लोगो की सबसे ज्यादा है |
यह भी एक संयोग है कि श्री गौरीशंकर अग्रवाल भाजपा के फंड सँभालते हैं वहीँ उनके सगे समधी कांग्रेस का फंड सँभालते हैं | इस मामले में दोनों ही पार्टियों में आपसी सहमति है और दोनों पार्टी के शीर्ष नेता गण इससे बहुत सहज रहते हैं |
वर्त्तमान में डॉ रमन सिंह जी ने श्री धरम लाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष किन उदेश्यों से बनाया है और डेढ़ साल बाद उनका प्रदर्शन कैसा रहा है ये रायपुर से दिल्ली तक सभी लोग देख रहे हैं ,सभी लोग जानते हैं |पर आज कल ऐसी ही योग्यता छतीसगढ़ भाजपा की जरुरत बन गयी है | श्री बृजमोहन अग्रवाल ,श्री रामविचार नेताम ,श्री केदार कश्यप ,श्री दिनेश कश्यप, श्री शिवरतन शर्मा ,श्री अमर अग्रवाल ,श्री अजय चंद्राकर ,श्री लखन लाल साहू, श्री विजय बघेल, श्री ओ पी चौधरी, श्री विष्णुदेव साय,श्री युद्धवीर सिंह जुदेव,श्री नारायण चंदेल ,श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय,श्री मोतिलाल साहू,श्री रामसेवक पैंकरा इस पंक्ति के नेता कुछ भी कर लें उनको कहीं उनकी योग्यता अनुसार काम नहीं मिलना है | स्थिति का संपूर्ण आकलन किया जाये तो जिस प्रकार दो दशक से छत्तीसगढ़ की राजनीति श्री में सौदान सिंह का वर्चस्व ,नियंत्रण व एकाधिकार है उससे तो यही लगता है कि सुश्री सरोज पाण्डेय या श्री गौरीशंकर अग्रवाल में से ही कोई भाजपा का भावी प्रदेश अध्यक्ष होगा और यदि सुश्री सरोज पाण्डेय जी अगली प्रदेश अध्यक्ष बनती हैं तो डॉ रमन सिंह जी के राजनैतिक यात्रा का दुर्भाग्य पूर्ण विराम होगा ,तथा सरोज पाण्डेय जी को पूरी तरह स्थापित करने के बाद राष्ट्रीय सह संगठन श्री मंत्री सौदान सिंह जी छत्तीसगढ़ छोड़ने का भी विचार कर सकते हैं | इस स्थिति में कांग्रेस के लिए आगे का रास्ता खुला है |