रायगढ़ -बीजेपी के पूर्व विधायक और रायगढ़ विधानसभा के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बिगुल फूंक चुके विजय अग्रवाल ने बुधवार को रैली निकालकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया | उनके इस नामांकन रैली के लगभग 20000 की भीड़ उनके समर्थन में चल रही थी विजय को मिल रहा व्यापक जनसमर्थन कांग्रेस और भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकती है |
मौजूदा समय में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. पिछले पंद्रह सालों से इस विधानसभा की तस्वीर बदली है और इस सीट पर वोटर प्रत्याशी की छवि देखकर उसे चुनती है, विजय को मिल रहे व्यापक जनसमर्थन ने इस बार यहां पर मुकाबला दिलचस्प बना दिया है |
रायगढ़ विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां गुटबाजी की शिकार हैं. इसी गुटबाजी का नुकसान बीते नगरीय निकाय चुनाव में दोनों ही दलों को उठाना पडा था. इसी का नतीजा था कि नगर निगम में मतदाताओं ने किन्नर प्रत्याशी को मेयर का ताज पहनाया |
भाजपा ने रोशन अग्रवाल पर फिर से भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दिया है ,जिससे नाराज होकर पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया | जनता कांग्रेस के विभास सिंह ठाकुर भी कड़ी चुनौती पेश कर रहे है | कांग्रेस अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नही कर पाई है ,जिसका फायदा विजय अग्रवाल को मिल सकता है |
बता दे की 2003 चुनाव में विजय ने भाजपा की ओर जीत हाशिल की थी परन्तु 2008 का मुकाबला वे कांग्रेस के शक्रजीत नायक से हार गए, जिसका खामियाजा उन्हें 2013 चुनाव में उठाना पड़ा ,पार्टी ने उनका टिकट काटकर रोशन अग्रवाल को भाजपा प्रत्याशी घोषित किया था | रोशन अग्रवाल ने इस चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की थी |