‘अटल जी अब नहीं रहे। मन नहीं मानता। अटल जी, मेरी आंखों के सामने हैं, स्थिर हैं। जो हाथ मेरी पीठ पर धौल जमाते थे, जो स्नेह से, मुस्कराते हुए मुझे अंकवार में भर लेते थे, वे स्थिर हैं। अटल जी की ये स्थिरता मुझे झकझोर रही है, अस्थिर कर रही है। एक जलन सी है आंखों में, कुछ कहना है, बहुत कुछ कहना है लेकिन कह नहीं पा रहा। मैं खुद को बार-बार यकीन दिला रहा हूं कि अटल जी अब नहीं हैं, लेकिन ये विचार आते ही खुद…
Related posts
-
लॉकडाउन-2 पर नई गाइडलाइन जारी, 3 मई तक देश बंद, सिर्फ इन्हें मिली है छूट
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन को 3 मई तक... -
सीएम और तीन मंत्री के दुर्ग पर क्या भाजपा की होगी विजय
नजरिया : यशवंत गोहिल लोकसभा चुनाव । छत्तीसगढ़ का दुर्ग कौन ढहाएगा? इस बात को लेकर... -
अरुण के साथ है मोदी का चेहरा तो अटल के साथ भूपेश का !
लोकसभा चुनाव । नजरिया : पत्रकार यशवंत गोहिल ◆ पहले बात करें भाजपा के उम्मीदवार अरुण...