बिलासपुर के 40 वर्षीय निवासी नुपेष चावरा के अचानक से बेहोश होने के कारण उनके परिवारवाले उन्हें शहर के सबसे बड़े अस्पताल ले कर गए। लेकिन मरीज़ की स्तिथि देख कर डॉक्टरों ने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा की इस बिमारी का इलाज बिलासपुर शहर में संभव ही नहीं है और उनका इलाज किसी बड़े शहर के अस्पताल में करवाएं|
उनके परिवारवाले उन्हें किम्स हॉस्पिटल ले कर गए जहाँ पर जांच करने पर पता चला की उन्हें ब्रेन ट्यूमर है जिसे ऑपरेशन करके निकालना ज़रूरी होगा।
परिवारवालों ने रायपुर के कुछ बड़े न्यूरो सर्जन से भी राय ली लेकिन उन डॉक्टरों ने भी अच्छी उम्मीद का ज़िक्र नहीं किया क्यूंकि ब्रेन ट्यूमर का आकार बहुत ही बड़ा था। हर तरफ से यही लग रहा था की अब मरीज़ का जीवन बचा पाना असंभव है। क्यूंकि मरीज़ की हालत काफी गंभीर थी और उनकी जान की फ़िक्र होने के कारण परिवारवाले किसी भी निर्णय में नहीं पहुंच पा रहे थे।
तब किम्स हॉस्पिटल के डायरेक्टर एवं कंसलटेंट इंडोस्कोपिक न्यूरोसर्जन डॉ वाई रवि शेखर ने उनका हौसला बढ़ाया और परिवारवालों को आश्वस्त किया की किसी भी विपरीत परिस्थिति पर भी वो और उनकी टीम बेहतर इलाज कर मरीज़ को स्वस्थ बनाने का हर संभव प्रयास करेंगे।
14 जनवरी को उनका ऑपरेशन किया गया जो की करीब साढ़े छ: घंटो तक चला। ऑपरेशन को डॉ रवि शेखर, डॉ सुधा राम और उनकी न्यूरो टीम ने सफलतापूर्वक कर पूरे ब्रेन ट्यूमर को निकाला जो की एक टेनिस की गेंद से दो गुना बड़ा था।
ऑपरेशन के बाद अब मरीज़ स्वस्थ है, वे बातचीत करने और खुद से चलने फिरने जैसे काम कर सक रहे है। मरीज़ का परिवार अब खुश है की उनके मरीज़ का जीवन बच गया और वो स्वस्थ है।
डॉ रवि शेखर ने बताया है की – ” ब्रेन ट्यूमर को ऑपरेशन करके निकालना कोई साधारण कार्य नहीं है। लेकिन ऐसे उच्च जोखिम के ऑपरेशन जो कुछ सालो पहले तक बिलासपुर में संभव नहीं थे, वे सभी प्रकार के ऑपरेशन व इलाज हम किम्स हॉस्पिटल में कर रहे है। नई अत्याधुनिक तकनीकों के साथ समस्त न्यूरोलॉजिकल , दिमाग, रीढ़ की हड्डी , नसों से सम्बंधित बीमारियों का सही इलाज करना ही हमारा लक्ष्य है”।
नुपेष चावरा की पत्नी ने उनके जीवन को बचा पाने की सारी उम्मीद खो देने के बाद डॉ रवि शेखर और उनकी टीम के द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन करके उनकी जान बचाने पर डॉक्टर साहब का आभार व्यक्त किया।