महाष्टमी विशेष ; कन्या पूजन क्यों करते है ? मिलेंगे जीवन में ये फ़ायदे

नवरात्रि की महाष्टमी पर हम कन्या पूजन करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कन्या पूजन से क्या फायदे आपको मिलेंगे जीवन में ,आइये जानते है.. “कुमारी” नाम की कन्या जो 2 वर्ष की होती हैं दुख और दरिद्रता का नाश, शत्रुओं का क्षय और धन, आयु की वृद्धि करती हैं। ‘त्रिमूर्ति’ नाम की कन्या 3 वर्ष की होती है। इनका पूजन करने से धर्म-अर्थ काम की पूर्ति होती हैं पुत्र-पौत्र आदि की वृद्धि होती है। ‘कल्याणी’ नाम की कन्या 4 वर्ष की होती है। इनका पूजन करने से विद्या, विजय,…

सुविचार;मधुर वाणी बोलना एक महँगा शौक है, जो हर किसी के बस की बात नहीं!

मधुर वाणी बोलना एक महँगा शौक है, जो हर किसी के बस की बात नहीं! अपने खराब मूड के समय बुरे शब्द न बोलें, क्योंकि खराब मूड को बदलने के बहुत मौके मिलेंगें पर… शब्दों को बदलने के नहीं !!

“दाखिले का दौर” विशेष टिप्पणी: सौरभ तिवारी

    बिलासपुर -सियासत में चुनावी साल पाला बदली और दाखिले का होता है। छत्तीसगढ़ में भी ये सिलसिला जारी है। नेताओं में दलों की पालाबदली का दौर चल रहा है तो पत्रकारिता, लोकप्रशासन और समाजसेवा जैसे क्षेत्र से जुड़े लोगों में दाखिले का। दाखिला लेने वालों में वरिष्ठ पत्रकार रुचिर गर्ग का भी नाम जुड़ गया है, उन्होंने अपनी सियासी यात्रा के लिए कांग्रेस की बस पकड़ी है। पालाबदली करने वाले नेता सिद्धांतों और अंतरात्मा की दुहाई देकर मौकापरस्ती की तोहमत को खारिज करते हैं तो दल विशेष में…

पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा दिल को झकझोर देने वाला शब्द… क्या अटल जी वाकई नहीं हैं? नहीं… कैसे कह दूं, कैसे मान लूं, वे अब नहीं हैं…

‘अटल जी अब नहीं रहे। मन नहीं मानता। अटल जी, मेरी आंखों के सामने हैं, स्थिर हैं। जो हाथ मेरी पीठ पर धौल जमाते थे, जो स्नेह से, मुस्कराते हुए मुझे अंकवार में भर लेते थे, वे स्थिर हैं। अटल जी की ये स्थिरता मुझे झकझोर रही है, अस्थिर कर रही है। एक जलन सी है आंखों में, कुछ कहना है, बहुत कुछ कहना है लेकिन कह नहीं पा रहा। मैं खुद को बार-बार यकीन दिला रहा हूं कि अटल जी अब नहीं हैं, लेकिन ये विचार आते ही खुद…

Category: विचार वरिष्ठ पत्रकार यशवंत गोहिल के फेसबुक वॉल से…उम्मीद की जानी चाहिए एक सुखद कल की…संदर्भ: ओपी चौधरी का इस्तीफा…

रायपुर के कलेक्टर ओपी चौधरी ने आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आने की ठान ली। कहा जा रहा है कि सितंबर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के वक्त वे भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश करेंगे और खरसिया में स्व. नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल के खिलाफ चुनावी मोर्चा संभालेंगे। चौधरी का यह फैसला अनायास लिया हुआ तो हो नहीं सकता। हां, इस बात से गुरेज़ नहीं किया जा सकता कि चौधरी जहां-जहां भी सेवा में रहे, उन्होंने एक मिसाल तो पेश की…