प्रयागराज। विहिप की धर्म संसद में अपने संबोधन के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सबरीमाला मंदिर में प्रतिबंधित उम्र वर्ग की महिलाओं के प्रवेश संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इसमें हिंदुओं की भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने फैसला तो सुना दिया लेकिन इससे करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं एवं सम्मान आहत हुए, इसका ख्याल नहीं रखा गया। भागवत ने कहा कि महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहती हैं, लेकिन श्रीलंका से लाकर उनको पिछले दरवाजे से प्रवेश…