बिलासपुर । कई बार बुजुर्ग व्यक्तियों को बढ़ती उम्र के साथ कमर दर्द शुरू हो जाता है ,करवट लेना भी कस्टकारी हो जाता है । दैनिक कार्यों को संपन्न करना भी अशक्य प्राय हो जाता है । प्रायः यह समझा जाता है कि कमर दर्द यानी रीढ़ की हड्डियों के बीच की गद्दियों या डिस्क की ही समस्या होती है । जिसका ऑपरेशन द्वारा ही इलाज संभव है । जबकि कमर दर्द के डिस्क के अलावा भी अन्य कारण होते हैं और हमेशा सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती,एवं इलाज के लिए रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन द्वारा मरीज को राहत दी जा सकती है।
उम्र के साथ डिस्क की ऊंचाई कम हो जाती है ठीक ऐसे ही जैसे रोज इस्तेमाल करते – करते गद्दे पिचक जाते हैं । पिचकी डिस्क के कारण रीढ़ की हड्डियों के जोड़ों पर प्रभावित करते हैं ,जो दर्द का कारण हो सकते हैं । इसलिए दर्द के लिए कौन से जोड़ जिम्मेदार हैं इसका निदान आवश्यक है । इसके निदान के बाद ही इलाज की दिशा निश्चित की जा सकती है ।
रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन द्वारा दीर्घकालीन दर्द से राहत दिलाई जा सकती है । इस प्रकार की तकनीक में मरीज को बेहोश करने की आवश्यकता नहीं होती । इस तकनीक से इलाज के बाद कुछ घंटों में ही घर वापसी संभव है ।
इस प्रकार के इलाज हेतु 2 मार्च ,3 मार्च और 4 मार्च को एंडोस्कोपी एवं सर्जिकल क्लिनिक में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा । जिसमें 3 मार्च को गुडगाँव के प्रसिद्ध डॉक्टर आशिष चक्रवर्ती परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे । वहीं 2 मार्च और 4 मार्च को मरीजों का इलाज होगा एवं डॉ अलका रहालकर एवं डॉ चक्रवर्ती बाहर से आए डॉक्टर्स को ट्रेनिंग भी देंगे ।