कलेक्टरी छोड़ भाजपा का दामन थाम कांग्रेस के अभेद गढ़ से लड़ रहे चुनाव ; जानिए खरसिया विधानसभा सीट का हाल

रायपुर -छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए के लिए बीजेपी ने शनिवार को अपने 77 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी ,जैसा की अनुमान  लगाया जा रहा था पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी को खरसिया से टिकट मिला, वे कांग्रेस के गढ़ में चुनाव लड़ने जा  रहे है | छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाने के लिए रायपुर के कलेक्टर चौधरी ने इसी साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. वह 2005 बैच के आईएसएस अधिकारी रहे हैं |

जिस तरह से खरसिया सीट पर ओ पी चौधरी दिलचस्पी ले रहे थे उससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि वो कभी भी बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. सालभर पहले से ही उन्होंने इस विधानसभा सीट पर बेरोजगारों, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में पास होने का गुरु मंत्र देना शुरू किया था.

कई जगह उन्होंने फ्री कोचिंग भी चलाई थी. इस तरह से उन्होंने नौजवानों को जोड़ने का काम शुरू किया. किसी को अंदाजा नहीं था कि वो इसके पीछे चुनावी तैयारियों में जुटे हैं. यह भी बताया जा रहा है कि महीनेभर पहले दिल्ली में उनकी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कराई गई थी. इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उनकी जीत का भरोसा पार्टी अध्यक्ष को दिलाया था |

कहा जा रहा है कि बीजेपी को कांग्रेस के खरसिया जैसे अभेद गढ़ को चौधरी के बूते पर जीतने का पूरा विश्वास है. क्योंकि सीट पर नौकरी में रहते हुए चौधरी सामाजिक और अन्य कार्यक्रमों के जरिए वर्षों से काफी सक्रिय रहे हैं|

इस सीट पर दिवंगत नंदकुमार पटेल ने 1990 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और वे 2013 तक विधायक तथा अविभाजित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के गठन के बाद भी कांग्रेस सरकारों में मंत्री रहे. 2013 में बस्तर की झीरम घाटी में नक्सली हमले के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उनके बेटे उमेश पटेल को 2013 में कांग्रेस ने मैदान में उतारा जिन्होंने भारी मतों से जीत अर्जित की थी |

कांग्रेस से मौजूदा विधायक उमेश पटेल को टिकट मिलना तय माना जा रहा है, मगर बीजेपी से चौधरी के उतरने के बाद वे प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर होने के बाद भी क्षेत्र छोड़कर कहीं जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं |

खरसिया सीट पर कांग्रेस के उमेश पटेल की भी छवि अपने पिता स्व नंदकुमार पटेल की तरह दमदार नेता की है , इस विधानसभा सीट पर अघरिया जाती काफी ताकतवर है , उमेश पटेल और ओपी चौधरी दोनों ही इसी जाती से आते है , मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद जताई ज रही है |

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