गुंडागर्दी से वसूली बनी विलासा की पहचान

जी हाँ, विलासा की नगरी में स्टैंड वसूली बन चुका है,गुंडागर्दी का अभिप्रय,शहर के सभी स्टैंडों में वसूली का मुख्य तरीका गुंडागर्दी ही बन सा गया,चाहे,वो रेल्वे हो या अन्य कहि भी,स्टैंड कर्मी और कर्मचारी मानो अपनी हुकूमत समझते हुए वशूली करते है,अगर कोई इनका विरोध करता है तो ये लोग सिर्फ एक बात को पकड़ कर हल्ला करते है,की 10 रु के नाम से लड़ रहा,,, इसी कड़ी में एक विशेष स्थान ,,,विकाश भवन,,,का साइकिल मोटरसाइकिल स्टैंड जो कि लिया गया है,महिला समूह के नाम से पर महिला नाममात्र से यहाँ का संचालन, पुरूषों के द्वारा ,नशे की हालत में किया जाता है,अगर किसी ने कुछ गलत का विरोध किया ,तो स्टैंड संचालक पास के मोहले से नाम चीन,निगरानीशुदा गुंडों की फ़ौज बुला कर मारपीट ,गालीगलौज करता है,व एक ही नारा के 5 रु नही दिया,गली दे रहा है,तरह के बाते रटारटाय अन्दाज में देता है,जिस वजह से बीच बाचव में आने वाले उल्टा गाड़ी मालिक को हो पाठ पढ़ाने लग जाते है,,,,विकाश भवन में चल रहा ये गुंडई की पाठ शाला से निगम प्रशासन, पुलिस अनिभिज्ञ नही है,परन्तु शिकायत नही होंने के कारण नियम में बंध जाते है,अगर किसी ने इनके विरुद्घ कोई कार्यवाही का मन बनाता है,तो राजनीति व गुंडागर्दी करने वाले स्टैंड संचालक के लोग हाथ जोड़ लेते है,अगर हाथ जोड़ने से काम नही बनता तब ये असामाजिक तत्व अपने असली रूप में आ जाते है,व उसको व परिवार के सदस्यों को नुकसान हो जाने की धमकी देते हुए,अपना उल्लू सीधा कर लेते है,,,अगर इनसे कोई ताकतवार मिल जाता है,तो ये तुरन्त उसके कदमो के नीचे आ कर नही पहचानने,छोटे बच्चों की दुहाई देने लगते,विकास भवन में कार्य हेतु पहुँचने वाले आधिकांश आम नागरिक होते है,जो विवाद और पुलिस के लफड़े में नही पड़ना चाहते,,,उन्ही आम आदमी क मजबूरी का फायदा स्टैंड संचालक उठाते है,गाली बकते है,मारपीट करते है,कुछ दिन पूर्व ही विकाश भवन में कार्य के किये गए एक दंपति अपने 3 साल के बच्चे के साथ गये थे,किसी बात पर स्टैंड के संचालक से बहस हो गया, नशे में धुत स्टैंड संचालक ने महिला बच्चे तक कि निर्दयता से पिटाई कर दी थी,,,जिसकी शिकायत कहि किये बिना दंपति ने चुप रहने पर भलाई समझी,क्योंकि उन्हें अपने कार्य के लिए कई बार विकाश भवन आना पड़ रहा, अभी दो दिन पूर्व ही इसी स्टैंड संचालक ने अपने भाई के साथ मिलकर राजेन्द नगर में एक महिला के घर घुसकर जानलेवा हमला किया,मारपीट,कर रहे थे,किसी तरह महिला इनके चुंगल से बच कर अपनी जान बचाई,जिसकी शिकायत महिला द्वारा थाना सिविल लाइन में किया गया,पर यहाँ भी राजनीतिक पहुँच का फायदा हमेसा की तरह मिल रहा ,पुलिस चुप,अब देखना ये है,की पुलिस व निगम शासन प्रशासन, इस तरह से रोज नशे की हालत में होने वाली घटना पर रोक लगाने के लिए कोई सार्थक कदम उठती है,या फिर किसी बड़ी घटना की बाट जोह रही,,,,

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