छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 को संविधान के विरुध होने को लेकर रिट याचिका प्रस्तुत किया

यचिककर्ता पुनेश्वर नाथ मिश्रा ने छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 को संविधान के विरुध होने को लेकर रिट याचिका अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से प्रस्तूत की है।
आज मुख्य न्यायमुर्ति पी आर रामचंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति पी पी साहु की खण्डपीठ मे सुनवाई हुई ।
याचिकर्ता द्वारा वर्तमान मे ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत मे 50 प्रतिशत की सीमा के परे सीटे आरक्षित किये जाने को विधि विरुध बताते हुए याचिका प्रस्तूत की है, वा पंचायती राज अधिनियम के धारा 13(4)(ii), धारा 17, 23, 25, 32 एवं 129(E) को निरस्त करने का आग्रह किया है।
उक्त याचिका के माध्यम से यह भी मांग की गई है की पिछड़े वर्ग के नागरिको को आरक्षण मे अल्पसंख्यक, ऐसिड अटेक सरवाईवर , महिला, 3rd जेंडर, अन्ग्लो इंडियन आदी को राजनीतिक रुप से पिछड़ा मानते हुए चुनाव मे आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है।
अधिवक्ता रोहित शर्मा ने जिरह करते हए संविधान के अनुच्छेद 243D की व्याख्या करते हुए पंचायत चुनावो मे आरक्षण की सीमा 50 % तक वा अन्य विधि के प्रश्न माननीय न्यायालय के समक्ष रखे ।
खंडपीठ ने राज्य को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह मे जवाब प्रस्तूत करने हेतु निर्देशित किया है।

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