राम मंदिर ‘आत्म सम्मान के लिए ज़रूरी है’ क़ानून बनाए सरकार -मोहन भागवत

नागपुर -राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख (सरसंघचालक) मोहन भागवत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से आग्रह किया है कि वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए  संसद में कानून पारित कराए |

नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में विजयादशमी (गुरुवार को महानवमी और दशमी की तिथि मिश्रित है) के मौके पर आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर का निर्माण आत्मसम्मान के लिए ज़रूरी है.’

भागवत ने कहा, ‘राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज में सद्भाव, भाईचारे के साथ एकता के लिए भी आवश्यक है. अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर कभी मंदिर हुआ करता था. इसके सभी प्रमाण मौज़ूद हैं. इसके बावज़ूद अब तक राम मंदिर निर्माण के लिए ज़मीन का आवंटन नहीं हो पाया है.’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि मामला अदालत में लटकाए रखने के लिए कुछ वर्गों ने योजना बनाई हुई है. लेकिन अकारण ही समाज के धैर्य की इस तरह परीक्षा लेते रहना किसी के हित में नहीं है, न ही होगा.

भागवत के मुताबिक, ‘राम मंदिर का निर्माण राष्ट्र हित में है. लेकिन कुछ कट्‌टरपंथी ताकतों ने अपने निहित स्वार्थों के लिए इसे सांप्रादायिक मुद्दा बना दिया है. इसे ध्यान में रखते हुए अदालत (सुप्रीम कोर्ट) को भी विवादित ज़मीन के मालिकान हक़ के बारे में जितनी जल्दी हो फैसला देना चाहिए.’ ग़ौरतलब है कि भागवत का यह बयान ऐसे मौके पर आया है जब आने वाले डेढ़ महीने में ही पांच राज्यों- मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिज़ोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हैं. जबकि अगले साल लोक सभा के चुनाव हैं. ऐसे में समझा जा रहा है कि आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी फिर राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को हवा दे सकते हैं.

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