हंगर फ़्री समाजिक संस्था ने दैनिक समाचार पत्र खबर देखा और पहुँच गए माँझी जनजाति के आदिवासियो को मदद की

कोरोना जैसी इस वैश्विक महामारी में जहां सभी समाजिक संस्था शहर में हर संभव मदद कर रही है जिस में फंसे मजदूर, रोजी मजदूरी करने वाले मजदूर छात्र छात्राएं जिनको हर तरह की सुविधाएं प्राप्त हो रही है लेकिन ऐसा देखा गया कि शहर के आसपास विभिन्न ऐसे गांव जहां इस महामारी में पूरी रोजगार बंद हो गई सभी की रोजी मजदूरी बंद हो गई और इन सबके बीच देखा गया कि उनको राशन तो मिला चावल के रूप में किंतु साथ में खाने के लिए कुछ भी नहीं मिला…