सुकमा। बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाके में आज विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान हुआ। एक ओर जहां नक्सलियों ने ग्रामीणों को धमकी देते हुए कहा था कि अगर उंगली पर स्याही के निशान मिले तो उंगली ही काट दी जाएगी वहीं दूसरी ओर लोगों ने वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
बता दें कि सुकमा इलाके के पालमडगू गांव के ग्रामीणों ने 15 साल बाद मतदान किया। गांव में एक दिन पहले नक्सलियों ने बैनर-पोस्टर लगाकर लोगों से मतदान नहीं करने का फरमान जारी किया था। बावजूद इसके ग्रामीणों ने मतदान किया। इस गांव के 40 लोगों ने मतदान किया है। बताया जा रहा है कल नक्सलियों ने यहां पत्रकार को रोककर कड़ी पूछताछ की थी, इसके बाद से दहशत में अधिकतर ग्रामीण गांव छोड़कर भाग गए हैं।
वहीं, दंतेवाड़ा के मडेंडा गांव के ग्रामीणों को नक्सलियों ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर किसी की उंगली में स्याही का निशान पाया गया तो उंगली ही काट दिया जाएगा। इस फरमान के बाद भी ग्रामीणों ने 263 मतदाताओं ने मतदान किया।
103 साल की बुजुर्ग महिला पहुंची मतदान करने,बेटे ने गोद में उठाकर पहुंचाया बूथ तक
सुकमा। प्रदेश के वनांचल और नक्सल प्रभावित इलाकों में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान चल रहा है। मतदान के लिए जनता में अलग ही जोश दिखने को मिल रहा है। जहां दूर-दराज से लोग मतदान करने बूथ केंद्रों तक पहुंच रहे हैं वहीं, बुजुर्गों ने भी अपने मताधिकार प्रयोग किया। अभी ताजा मिली जानकारी के अनुसार सुकमा के गोरगुंडा मतदान केंद्र में 103 साल की महिला ने मतदान किया। बता दें कि 103 साल की सोनी बाई चल नहीं सकती, लेकिन मताधिकार का महत्व जानती है। इसके लिए सोनी बाई अपने बेटे के साथ वोट डालने पहुंची। सोनी बाई के बेटे ने हाथ से उठाकर उसे मतदान केंद्र पहुंचाया और वोट डलवाया।
108 साल के चैतन्य गोस्वामी ने डाला वोट, मतदान केंद्र में किया गया सम्मान
राजनांदगांव। डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र से 108 वर्ष के चैतन्य गोस्वामी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया । जिसके बाद मतदान केंद्र में उनका स्वागत किया गया एवं उनके सम्मान में उनको श्रीफल भेंट किया गया।