रामदयाल उइके जिस दल में रहते हैं उसे विपक्ष में रहना पड़ता है-भूपेश बघेल

बिलासपुर-कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल आज शहर प्रवास पर थे ,प्रेसवार्ता मे पत्रकारों से बातचीत करने से पहले सभी को दुर्गा पूजा की शुभकामनाएँ देते हुए बघेल ने बताया कि राहुल गांधी 22 अक्टूबर को रायपुर आएंगे ,अभी समय और स्थान की चर्चा नहीं हुई है ।

प्रेस वार्ता में पूछे गए रामदयाल उइके के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शुक्र की बात तो यह है कि रामदयाल उइके जिस दल में रहते हैं उसे विपक्ष में रहना पड़ता है।  उन्होंने कहा कि रामदयाल उइके का दलबदल इस बात का संकेत है कि साल 2018 में भाजपा विपक्ष में और कांग्रेस सरकार में रहेगी। वह जिस भी पार्टी में रहते हैं वह दल विपक्ष में होता है। आज के हालात कुछ 2003 की तरह नजर आते हैं। 2003 में जग्गी हत्याकाण्ड हुआ,अब रिंकु खनूजा आत्महत्या काण्ड हो गया। 2003 में भी लाठीजार्च हुआ इस बार बिलासपुर कांग्रेस भवन में लाठीचार्ज हुआ। 2003 में रामदयाल उइके ने दलबदल किया इस बार भी उइके ने दलबदल किया। यह संकेत है कि इस बार भाजपा को विपक्ष में बैठना ही होगा।

उन्होंने एक सवाल कि आप राहुल गांधी की भी नहीं सुनते और छत्तीसगढ़ कांग्रेस में आपकी मोनोपोली चलती है के जवाब में कहा कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की मोनोपोली चलती है। कार्यकर्ताओं के अनुसार सब कुछ होता है। राहुल गांधी हमारे नेता हैं,उनके निर्देश का शत प्रतिशत पालन किया जाता है। भ्रम फैलाना भाजपाई दिमाग की फितरत है। भूपेश ने यह भी बताया कि दो तीन दिन के भीतर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया जाएगा।

रुचिर गर्ग से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूचिर गर्ग प्रदेश के सशक्त पत्रकार रहे हैं। पत्रकार हमेशा तटस्थ रहता है। रूचिर गर्ग ने समझा की अब तटस्थ रहने का समय नहीं रहा। संविधान की रक्षा के लिए उन्होने संघर्ष शुरू किया है। हम चाहते हैं कि कांग्रेस में ज्यादा से ज्यादा बुद्धिजीवी लोग आएं।

उन्होंने जोगी बसपा महागठबंधन रैली में जबदरस्त भीड़ थी इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मायावती पांच साल में एक बार प्रदेश में आती हैं। जाहिर सी बात है भीड़ तो होगी ही। जोगी बसपा गठबंधन से जाहिर हो गया है कि जोगी भाजपा के कितने हितैषी हैं।

भूपेश ने इस बात से इंकार किया कि कांग्रेस पार्टी नेताओं को जानकारी थी कि उइके नाराज हैं भाजपा में जाएंगे। उन्हें मान सम्मान सब कुछ तो मिला। यदि जोगी कहते हैं कि पार्टी छोड़ने से पहले उइके उनसे मिले थे तो इसमें हमे किसी प्रकार का आश्चर्य नहीं है। जाहिर सी बात है कि अजीत जोगी ने मान ही लिया कि उनका भाई कांग्रेस में था। और अजीत जोगी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। बताना चाहुंगा कि जोगी के कहने से ही रामदयाल उइके कांग्रेस में आए थे और जोगी के कहने से भाजपा में चले गए।

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