आज दिनांक 15.03.2020 को धरना के 142वें दिन धरने पर बैठे वक्ताओं ने बड़ा ही अफसोस व्यक्त किया और कहा कि बड़े पद पर बैठे हुये.लोगों को शहर की जनता की इस जायज मांग से शायद कोई लेना देना नहीं है। इसीलिए धरना के 142 दिन व्यतीत होने पर भी कुछ बड़ा परिणाम देखने को नहीं मिला है । समिति के समस्त सदस्यों ने कहा कि लगता है कि केन्द्र सरकार गाहे बगाहे इस आन्दोलन को कड़ा रूख अपनाने को मजबूर कर रही है और यदि केन्द्र सरकार का यही…